देहरादून: राजधानी में कुट्टू का आटा खाने से फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को स्पष्ट शब्दों में नसीहत दी है कि किसी भी मरीज को बाहर रेफर न किया जाए, बल्कि सरकारी अस्पतालों में ही उनका उचित इलाज सुनिश्चित किया जाए।
दून अस्पताल में 200 बेड रिजर्व
स्वास्थ्य सचिव ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रशासन को विशेष रूप से निर्देश दिया कि फूड पॉइजनिंग के मरीजों के इलाज के लिए अलग से बेड की व्यवस्था की जाए। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने 200 बेड इन मरीजों के लिए रिजर्व कर दिए हैं, ताकि किसी भी जरूरतमंद को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।
मरीजों को किया जा रहा था रेफर, स्वास्थ्य सचिव ने अपनाया सख्त रुख
शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को लगातार बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा था, जिससे स्वास्थ्य सचिव नाराज हो गए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिस भी अस्पताल में मरीज आए, उसे वहीं पर उचित चिकित्सा सुविधा दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं और अन्य चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए ताकि मरीजों को बाहर जाने की जरूरत न पड़े।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बाद बढ़ी सतर्कता
स्वास्थ्य सचिव की इस सख्ती के बाद अस्पतालों में सतर्कता बढ़ गई है और सभी मरीजों को बेहतर इलाज देने पर जोर दिया जा रहा है। डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे मरीजों का उचित इलाज करें और यदि कोई गंभीर मामला हो, तो उसकी विशेष निगरानी की जाए।
खाद्य विभाग भी अलर्ट मोड पर
इस बीच, खाद्य विभाग भी पूरी तरह अलर्ट हो गया है। संदिग्ध कुट्टू आटे के सैंपल लिए जा रहे हैं और उनकी जांच की जा रही है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें।स्वास्थ्य सचिव के सख्त निर्देशों के बाद अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

