देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हाल ही में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में छह युवक-युवतियों की जान चली गई, जो ONGC चौक पर हुई थी। इस हादसे के बाद प्रशासन ने शराब परोसने के समय में कटौती करने का निर्णय लिया था, ताकि शहर में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आ सके। अधिकारियों ने होटल, रेस्टोरेंट, बार और पब के शराब परोसने का समय रात 11:00 बजे तक सीमित कर दिया था और कुछ समय तक यह व्यवस्था लागू भी रही। लेकिन अब एक बार फिर से बार और पब संचालक इस समय का उल्लंघन करते हुए रात 12:00 बजे के बाद भी शराब परोसने में लगे हुए हैं, जो भविष्य में किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन और अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद नियमों का पालन पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। दुर्घटना के बाद अधिकारियों ने तो व्यवस्था को सख्ती से लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ समय बाद फिर से वही हालात हो गए हैं। देहरादून शहर के प्रमुख इलाको में संचालित होने वाले अधिकांश पब और बार रात 12:00 बजे तक खुले रहते हैं, जबकि शराब परोसने का समय 11:00 बजे तक ही निर्धारित किया गया है। यह स्थिति शहर के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है, खासकर उन युवाओं के लिए जो देर रात तक पबों और बारों में वक्त बिताते हैं और शराब के नशे में सड़क पर निकलने के बाद हादसे का शिकार हो जाते हैं।
प्रशासन की नाकामी या कारोबारियों की लापरवाही?
यह सवाल अब उठने लगा है कि क्या प्रशासन सच में नियमों का पालन करवाने के लिए गंभीर है, या फिर यह केवल एक दिखावा है? प्रशासन के पास इसके समाधान के लिए कई उपाय हो सकते हैं, जैसे कि शराब परोसने वाले स्थानों पर सख्त निगरानी रखना, बार और पब के बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात करना, और शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना। बावजूद इसके, वर्तमान में शहर में बार और पब खुले रहते हैं, और प्रशासन ने इन पर कार्रवाई करने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
बार और पब संचालक भी अपने व्यवसाय को बचाने के लिए इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह उनके लिए न केवल कानूनी समस्या पैदा कर सकता है, बल्कि किसी बड़े हादसे के बाद उनकी प्रतिष्ठा पर भी बुरा असर पड़ सकता है। शराब की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं कई बार जान-माल की हानि का कारण बन चुकी हैं, और अगर यही स्थिति बनी रही तो भविष्य में और भी ऐसे हादसों का सामना करना पड़ सकता है।
आवश्यक कदम
देहरादून जैसे शहर में जहां पर्यटन और युवा आबादी की संख्या अधिक है, वहां शराब के सेवन की आदतें युवाओं में बढ़ रही हैं। इससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। इसलिए प्रशासन को शराब परोसने के समय को लेकर सख्त नियमों को लागू करने के साथ-साथ इनका पालन करवाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसके अलावा, युवा और नागरिकों को इस बारे में जागरूक करना जरूरी है, ताकि वे जानें कि शराब पीकर गाड़ी चलाना न केवल अवैध है, बल्कि यह उनकी और दूसरों की जान को भी खतरे में डालता है।
राजधानी देहरादून में दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या, प्रशासन की नाकामी और बार तथा पब संचालकों की लापरवाही यह सवाल खड़ा करती है कि क्या कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर प्रशासन और कारोबारी दोनों की लापरवाही के कारण शहर की सड़कों पर और भी जानलेवा हादसे होते रहेंगे।