आरक्षण में फेरबदल को लेकर गरिमा मेहरा दसौनी ने BJP पर किया हमला

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उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने शहरी निकायों के चुनावी कार्यक्रम के बाद जारी अनंतिम आरक्षण सूची में किए गए फेरबदल को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने इसे भाजपा के दल में चल रहे अन्तरविरोधों का नतीजा बताया।

गरिमा मेहरा ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा ने आरक्षण की सूची में बदलाव करते हुए अपने नेताओं की आपसी कलह को उजागर किया है। उन्होंने कहा, “विकास नगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान और लैंसडौन के विधायक महंत दिलीप रावत ने सार्वजनिक तौर पर विरोधी स्वर उठाए और निर्दलीय चुनाव लड़ने की अपील की।” इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को पार्टी नेताओं को अनुशासनहीनता की धमकी देनी पड़ी।

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इसके अलावा, हल्द्वानी में ओबीसी आरक्षण के बाद भाजपा के भीतर हंगामा मच गया। गरिमा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस के नवीन वर्मा को भाजपा में शामिल किया और फिर गजराज बिष्ट ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला। अंततः हल्द्वानी को पुनः अनारक्षित घोषित कर दिया गया, जिसे भाजपा का “यूटर्न” कहा जा सकता है।

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गरिमा ने यह भी कहा कि भाजपा ने एक साल तक शहरी निकाय चुनाव टालकर जनता की समस्याओं को अनदेखा किया। जनता खराब सड़कों, सफाई, चोरी, डकैती जैसी समस्याओं से परेशान थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इन पर कोई ध्यान नहीं दिया। उनका कहना था कि भाजपा ने उच्च न्यायालय की फटकार के बावजूद चुनाव को टालने के लिए गैरवाजिब कारणों का हवाला दिया।

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उन्होंने आगे कहा कि छोटे निकायों का लोकतंत्र में अहम स्थान है, क्योंकि जनता को उनके पार्षद और महापौर ज्यादा सुलभ होते हैं। भाजपा ने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में रखने की कोशिश की, लेकिन अब विपक्षी दलों को अतिरिक्त समय मिल गया है, और वे आगामी चुनावों के लिए तैयार हैं। गरिमा ने दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के बीच सक्रिय थे और आगामी चुनावों में कांग्रेस के समर्थक ही जीतेंगे।