पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत की भाजपा में वापसी चर्चा हुई तेज

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हरक सिंह के जाने के बाद अब कोटद्वार भारतीय जनता पार्टी के भाजपा के दावेदार टिकट के लिए पूरा जोर लगाने लगे है, लेकिन इन सभी की मंशाओं में पानी फिरता नजर आ रहा है, क्योंकी सूत्रों की माने तो भाजपा का एक धड़ा कोटद्वार के पूर्व विधायक व जिन पर 2012 में जरनल वी सी खंडूरी को हराने के आरोप में पार्टी से निष्कासित किया था , उनकी वापसी की पैरवी कर रहे है, सूत्रों की माने तो इस बारे में एक दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अगर भाजपा शेलेन्द्र की वापसी करती है तो यह मान के चले तो कोटद्वार भाजपा में बहुत बड़ी बगावत हो सकती है, ओर अंदर खाने बड़ी भितरघात से भाजपा को रूबरू होना पड़ सकता है क्योंकि कोटद्वार भाजपा के अंदर जरनल खण्डूड़ी के समर्थक बड़ी मात्रा में है जो कि किसी भी कीमत में शैलेंद्र को बख्शने को तैयार नही होंगे , इस बगावत ओर भीतर घात का लाभ कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी को मिल सकता है, आज भी कोटद्वार का एक बहुत बड़ा वर्ग जरनल खंडूरी की हार के लिए शेलेन्द्र को जिम्मेदार मानता है, अगर हम कोटद्वार में जातीय समीकरण की बात करे तो इस सीट में लगभग 32 प्रतिशत, ब्राहमण वोटर है जबकि 36 प्रतिशत ठाकुर वोटर है,11 प्रतिशत अनुसूचित जाति के वोटर, 8 प्रतिशत मुस्लिम वोटर, 8 प्रतिशत वैश्य वोटर, 5 प्रतिशत पंजाबी व अन्य वोटर है, ऐसे में अगर भाजपा शेलेन्द्र को वापस लेकर चुनाव लड़वाती है, तो कितना कोटद्वार में खंडूरी समर्थक अपना समर्थन देते है या एक बडा वोट बैंक जो खंडूरी का समर्थक है वह कैसे पचा पायेगा क्योकि गाहे बगाहे आज भी लोगों के अंदर खंडूरी की हार की कसक उनके ही नही बल्कि कोटद्वार के सैनिक परिवारों के दिलों में है, इन आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा को इस नए प्रयोग से कोटद्वार दो चार होना पड़ सकता है।