भारत सरकार के आदेश के बाद अब कर्मचारियों को 30 साल की सर्विस या 50 व 55 आयु पूरा करते ही बिना किसी नोटिस के रिटायर किया जा सकता है सरकार के आदेश के बाद अब कर्मचारियों को बेहतर काम करने की जरूरत है जिससे सरकार उनके बेहतर कामों को देखते हुए उनकी सेवाओं को जारी रख सकें भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी सूर्य नारायण झा ने इसके विधिवत आदेश जारी कर दिए हैं ।नियम 48(1) (b) of ccs नियम 1972 के तहत सरकार के पास इसका अधिकार है।इसके अलावा एफआर 56(जे) और सीसीएस (पेंशन) रूल्स 1972 के रूल 48 के मुताबिक, जिन कर्मचारियों को सेवा में बने रहने (रिटेन) की मंजूरी मिली है, उन्हें भी रिव्यू का सामना करना पड़ सकता है. अगर नियुक्त करने वाली संस्था महसूस करती है तो ऐसा जरूरत पड़ने पर किया जाएगा.इसके पहले फंडामेंटल रूल 56(जे)/आई और सीसीएस (पेंशन) रूल्स के रूल 48 के संदर्भ में ऑर्डरी किए गए थे. उस आदेश में सरकारी कर्मचारी का परफॉर्मेंस रिव्यू 50/55 साल की उम्र या 30 साल की नौकरी के बाद करने के लिए कहा गया था. इसके बाद जनहित में निर्णय लिया जाएगा कि उसे नौकरी में रखा जाए या रिटायर किया जाए. उदाहरण के लिए अगर प्रशासनिक मजबूरियों से किसी कारण रिव्यू नहीं किया जा सका तो नए नियम कहते हैं कि बाकी की सर्विस में ऐसा कभी भी किया जा सकता है.आदेश के अनुसार हर विभाग को एक रजिस्टर तैयार करना होगा, इसमें उन कर्मचारियों का ब्योरा रहेगा, जो 50/55 साल की आयु पार कर चुके हैं. इनकी तीस साल की सेवा भी पूरी होनी चाहिए. ऐसे कर्मियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा की जाती है. सरकार ने यह विकल्प अपने पास रखा है कि वह जनहित में किसी भी अधिकारी को सेवा में रख सकती है, जिसे उसकी माकूल अथॉरिटी ने समय पूर्व सेवानिवृत्ति पर भेजने के निर्णय की दोबारा समीक्षा करने के लिए कहा हो.