देहरादून।
लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही चर्चाओं पर अब विराम लगने के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि इस विस्तार में कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है, जबकि पहले से शामिल कुछ मंत्रियों के विभागों में बड़े फेरबदल की तैयारी की जा रही है।
बीते रोज मुख्यमंत्री धामी ने पार्टी संगठन और हाईकमान से लगातार मुलाकातें कीं, जिसके बाद इस अटकल को और मजबूती मिल गई है। माना जा रहा है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन और सरकार में संतुलन साधने के लिए नए मंत्रियों का चयन किया जाएगा। खासकर उन क्षेत्रों और वर्गों को प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा, जिनकी लंबे समय से मांग उठती रही है।
उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा संगठन चाहती है कि मंत्रिमंडल में ऐसे नेताओं को जगह दी जाए, जिनकी जनता में पकड़ मजबूत हो और वे संगठन को भी मजबूती प्रदान कर सकें। यही वजह है कि कुछ वरिष्ठ विधायकों और युवा चेहरों के नाम पर चर्चा तेज है। इसके अलावा कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर उन्हें नई जिम्मेदारी देने की भी योजना है, ताकि सरकार की कार्यकुशलता और तेज़ दिखाई दे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक संदेश होगा। इससे न केवल सरकार की छवि में ताजगी आएगी बल्कि क्षेत्रीय संतुलन साधकर पार्टी भविष्य की तैयारियों को भी धार देगी। वहीं, विपक्ष पहले से ही सरकार पर आरोप लगा रहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा और आपदा प्रबंधन जैसी समस्याओं से जूझ रही जनता को राहत देने के बजाय भाजपा आंतरिक राजनीति में उलझी हुई है।
हालांकि सत्ता पक्ष का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार का मकसद केवल संगठन और सरकार को मजबूती देना ही नहीं, बल्कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना भी है। अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो अगले कुछ दिनों में धामी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार सामने आ सकता है, जिसमें प्रदेश की राजनीति में कई नए समीकरण देखने को मिलेंगे।
