देहरादून। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने उत्तराखंड एसटीएफ को हर साल कम से कम 50 इनामी बदमाश पकड़ने का टार्गेट दिया है। अभी तक एसटीएफ का औसत केवल 10 से 12 बदमाश प्रति वर्ष का है। इसके साथ ही एसटीएफ अब पांच हजार रुपये के ईनामी बदमाश भी पकड़ सकेगी। पहले यह सीमा 10 हजार रुपये से शुरू होती थी।
दरअसल, मंगलवार को डीजीपी अशोक कुमार एसटीएफ और साइबर थाना का निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने वर्तमान में हो रहे कामकाज पर संतुष्टि जताई और आगे तेजी से काम करने के निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एसटीएफ के पास पर्याप्त संशाधन हैं। इनके माध्यम से एसटीएफ अच्छा काम कर रही है। लेकिन, अभी तक बदमाशों को पकड़ने का कोई टार्गेट नहीं था। एसटीएफ को अब साल में कम से कम 50 इनामी बदमाश पकड़ने का टार्गेट दिया गया है। प्रदेश में कुल 202 इनामी बदमाश हैं। इनमें से कुल 91 बदमाश ऐसे हैं, जिनके ऊपर पांच हजार रुपये का इनाम घोषित है।
डीजीपी ने कहा कि बदमाशों को पकड़ने के बाद उनकी संपत्तियों को अटैच करने जैसी कार्रवाई भी की जाएगी। इसे साथ ही वर्तमान में जो गैंग सक्रिय हैं उनके रजिस्टर्ड किया जाएगा। ताकि, उन पर लगातार नजर रखी जा सके। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पुलिस पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर भी अभियान चला रही है। इसमें बीते दिनों सफलता भी हासिल हुई है। ऐसे ही जो बदमाश बाहर के यहां आकर रह रहे हैं उन पर खासतौर पर शिकंजा कसने की जरूरत है। डीजीपी ने एक बार फिर से बात दोहराई कि किसी भी सूरत में उत्तराखंड को बदमाशों की शरणस्थली नहीं बनने दिया जाएगा।
पुलिस मुखिया ने जेलों में बंद बदमाशों पर भी लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा जो बदमाश जेलों से अपना नेटवर्क चला रहे हैं या ऐसी संभावना है कि वे चला सकते हैं तो ऐसे में उनके वायस सैंपल लिए जाएं। ताकि, समय आने पर किसी भी घटना के बाद आवाज से पहचान की जा सके। इस काम को जल्द से जल्द करने के निर्देश एसटीएफ को दिए गए हैं।
जो लोग ड्रग के धंधे में लिप्त हैं और लंबे समय से यह काम करते आ रहे हैं। दो या उससे अधिक बार पकड़े गए हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे तस्करों की संपत्तियों को अटैच किया जाए। यही नहीं उनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।