राजधानी देहरादून में कांग्रेस पार्टी ने गांधी पार्क स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार इतिहास और महात्मा गांधी के नाम को मिटाने की राजनीति कर रही है। दरअसल, केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाते हुए लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा VB–जी राम जी बिल, 2025 पेश किया, इस बिल के पारित होने की स्थिति में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा की जगह नया नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी ‘जी राम जी’ हो जाएगा। लिहाजा जैसे ही सदन में बिल पेश किया तो हंगामा बरप गया और देशभर में विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
भाजपा कर रही द्वेष की राजनीति
देहरादून में हुए प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा द्वेष और बदले की राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है और महात्मा गांधी के नाम से उसे आपत्ति है। प्रतिमा सिंह ने कहा कि मनरेगा यूपीए सरकार की देन रही है और यह योजना ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुई, कोरोना काल में जब प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों में लौटे, तब मनरेगा सबसे कारगर योजना के रूप में सामने आई और लाखों लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा समानता की भावना पर आधारित योजना है, जिसमें महिलाओं, एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को व्यापक प्रतिनिधित्व मिला है। ऐसे में अचानक इसका नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी, यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि जब तक यह बिल वापस नहीं लिया जाता, तब तक देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा


