उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी UCC को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। भले ही उत्तराखंड में UCC को सर्वसहमति से लागू किया गया हो लेकिन UCC के अंदर ऐसे कई कानून मौजूद हैं जिनको लेकर विपक्षी दल कांग्रेस लगातार सरकार का घेराव कर रही है। इस क्रम में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने यूसीसी के ड्राफ्ट को खामियों से भरा बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा कि जौनसार, थारू, बुक्सा और भोटिया जैसी जनजातियों को यूसीसी से बाहर रखा गया है, जिससे एसटी समुदाय की बेटियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं।
UCC पर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का बयान
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने UCC के तहत लागू किए गए नए प्रावधानों को समाज के लिए नुकसानदेह बताते हुए कहा कि इससे पारिवारिक ढांचा कमजोर होगा। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी स्वयं सनातन के नाम पर राजनीति करती है, वही सनातन मूल्यों के खिलाफ फैसले ले रही है। पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता करन माहरा ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर सरकार से सवाल किया कि क्या बीजेपी नेता अपनी बेटियों को इसकी इजाजत देंगे, करण माहरा के इन बयानों से साफ है कि कांग्रेस यूसीसी के मौजूदा स्वरूप को लेकर सरकार को घेरने के मूड में है।


