अक्षय तृतीया पर श्रद्धालुओं के लिए खुले गंगोत्री धाम के कपाट, चारधाम यात्रा का हुआ शुभारंभ

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उत्तरकाशी, 30 अप्रैल — अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर मंगलवार को उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए विधिविधान के साथ खोल दिए गए। इसी के साथ आधिकारिक रूप से चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की यह शुभ घड़ी हजारों श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों की उपस्थिति में संपन्न हुई। चारों ओर भक्ति, श्रद्धा और उत्साह का वातावरण बना रहा।

धाम के कपाट प्रातः 12:25 बजे ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ खोले गए। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं गंगोत्री धाम पहुंचे और विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा अर्पित कर राष्ट्र की मंगलकामना की और मां गंगा के पवित्र जल का आचमन किया।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा न केवल उत्तराखंड के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का केंद्र है, बल्कि यह हमारी आस्था, परंपरा और पहचान का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की कि वे शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण में भी अपना सहयोग दें।

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गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की परंपरा है। यमुनोत्री धाम में भी विधिवत पूजा-पाठ के साथ कपाट खोले गए, और यहां भी भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। चारधाम यात्रा के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों की यात्रा होती है, और यह उत्तर भारत की प्रमुख धार्मिक यात्राओं में गिनी जाती है।

प्रशासन ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। यात्रा मार्गों पर चिकित्सा सुविधा, पानी, स्वच्छता, विश्राम स्थल और आपातकालीन सेवाओं की समुचित व्यवस्था की गई है। यातायात, ठहरने और सुरक्षा को लेकर भी पुलिस व प्रशासन मुस्तैद है। हेलीकॉप्टर सेवाओं, ट्रैकिंग दल और आपदा प्रबंधन टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है।

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चारधाम यात्रा का यह शुभारंभ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह उत्तराखंड की आर्थिकी, पर्यटन और सांस्कृतिक समृद्धि को भी बढ़ावा देता है। कपाट खुलने के साथ ही पूरे उत्तराखंड में धार्मिक उल्लास का वातावरण है, और श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य मान रहे हैं।