स्वास्थ्य विभाग में मलाईदार पद पर बैठे अधिकारी को राजनीतिक आकाओं का संरक्षण…. बाहरी नेताओं के दबाव में हो रही पोस्टिंग…

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राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात अधिकारी द्वारा नियमों की खुलेआम अवहेलना किए जाने का मामला सामने आया है। यह अधिकारी ना केवल अपने पद पर बने रहने के लिए सत्ता के गलियारों में तोड़-जोड़ करते हैं, बल्कि उच्च अधिकारियों के आदेशों और सरकारी दिशा-निर्देशों को भी नजरअंदाज करते हुए अपना उल्लंघनपूर्ण कार्य जारी रखते हैं। इस संदर्भ में विभिन्न सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारी को न तो राज्य सरकार का कोई खौफ है और न ही उच्च अधिकारियों के आदेशों की कोई प्रभाव।सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों की एकमात्र प्राथमिकता अपनी कुर्सी पर बने रहना है। इसके लिए वे दूसरे राज्यों के मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर बैठे राजनीति आकाओं से राज्य में दबाव बनवाते हैं। इसी तोड़-जोड़ और गहरे राजनीतिक नेटवर्क के कारण वे अपनी जगह बनाए रखते हैं, जबकि उनका कामकाजी माहौल और राज्य के स्वास्थ्य विभाग की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। राज्य के स्वास्थ्य महकमे को इस तरह की अव्यवस्था और खेल का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ रहा है। इन अधिकारी द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेशों की खुली अवहेलना करना कोई बड़ी बात नहीं है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कई आदेशों और दिशानिर्देशों को इन्होंने नजरअंदाज कर दिया है। इस प्रकार के कृत्य से न केवल प्रशासनिक ढांचे में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, बल्कि जनता तक पहुंचने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। इस पूरी स्थिति में, जहां एक ओर राज्य सरकार के अधिकारी जनहित की योजनाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह अधिकारी अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाने में लगा हुए हैं।

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अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य में जाने की पेशकश कई बार कर चुके है उक्त के बारे में जानकारी मिली है कि उन्होंने अपनी कार्यशैली पर सवाल उठाए जाने पर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में जाने तक की पेशकश की थी। हालांकि, यह प्रस्ताव आज तक उच्च स्तर तक नहीं पहुंचा और अधिकारी के इस कृत्य को एक दिखावा ही माना जा रहा है। यह स्थिति और अधिक जटिल हो जाती है, जब इनका मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में जाने का प्रस्ताव सिर्फ एक माध्यम होता है ताकि वे अपनी कुर्सी से चिपके रह सकें, जबकि राज्य के नागरिकों को उनकी जिम्मेदारी निभाने में कोई राहत नहीं मिल रही है।

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राज्य के स्वास्थ्य महकमे में व्याप्त इस खेल और अनुशासनहीनता से न केवल प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ा है, बल्कि सिस्टम को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, दवाइयों की स्थिति, और डॉक्टरों की कमी जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं। ऐसे में, इनके कृत्यों के कारण राज्य का स्वास्थ्य महकमा गहरे संकट में है। राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त नहीं हो पा रही हैं, जबकि ये अधिकारी अपनी कुर्सी पर बने रहने के लिए राजनीतिक गठजोड़ और खेल खेल रहे हैं।

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इस समस्या का समाधान केवल शासन-प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाए जाने में है। उच्च अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेने की जरूरत और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले अधिकारी अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करें और राज्य के नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।