देहरादून: नवरात्रि के पावन अवसर पर फलाहार के रूप में कुटू के आटे से बने पकवान खाने से राजधानी देहरादून में 300 से अधिक लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रशासन ने निरीक्षण अभियान चलाया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
मरीजों की स्थिति और उपचार
मुख्यमंत्री के निर्देश पर, 31 मार्च 2025 को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन चिकित्सालय का निरीक्षण किया। रिपोर्ट के अनुसार, दून मेडिकल कॉलेज में 110 मरीज भर्ती किए गए थे, जिनमें से 49 को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि 61 मरीज अभी भी भर्ती हैं। सभी मरीज अब लगभग स्वस्थ हैं और उन्हें अगले 24 घंटे में छुट्टी मिलने की संभावना है।
इसी तरह, कोरोनेशन अस्पताल में 110 मरीज भर्ती हुए थे, जिनमें से 32 को डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि 78 मरीज अब भी उपचाराधीन हैं। अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में भी 88 मरीज भर्ती किए गए, जिनमें से 14 को छुट्टी मिल चुकी है, जबकि 74 अभी भी इलाज करवा रहे हैं।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सभी अस्पतालों में मरीजों की देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि किसी भी मरीज को अनावश्यक रूप से दूसरे अस्पताल रेफर न किया जाए। इस घटना के बाद प्रशासन ने मिलावटखोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि विभाग ने प्रदेश में खाद्य पदार्थों की सघन जांच शुरू कर दी है। बीते तीन महीनों में मावा, पनीर और कुटू के आटे के 375 सैंपल लिए गए और इन पर कार्रवाई जारी है।
मुख्य सप्लायर पर एफआईआर, गोदाम सील
प्रशासन ने कुटू के आटे की आपूर्ति करने वाले प्रमुख सप्लायर ‘Laxmi Trading, संगम विहार, भोजवाला रोड, विकासनगर, देहरादून’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गोदाम सील कर दिया है। इसके अलावा, 24 दुकानों की जांच की गई, जिसमें 7 सैंपल लिए गए और 1 क्विंटल कुटू का आटा नष्ट कर दिया गया।
सख्ती के निर्देश, आम जनता से अपील
प्रदेश की सीमाओं से लगे जिलों में मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सघन जांच के आदेश दिए गए हैं। उत्तराखंड खाद्य संरक्षा एवं औषधि विभाग ने उत्तर प्रदेश से आने वाले खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे।
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि खाद्य उत्पाद खरीदने से पहले उनकी गुणवत्ता की जांच करें। यदि किसी को मिलावट या संदिग्ध खाद्य पदार्थों की जानकारी मिलती है, तो वे टोल-फ्री नंबर 1800-180-4246 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस गंभीर मामले के बाद, सरकार ने साफ कर दिया है कि मिलावटखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

