निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि *जनपद अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा संवर्ग के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को निर्देशित किया जाता है कि वह स्वयं के शैक्षिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों का सत्यापन संबंधित बोर्ड/ विश्वविद्यालय/ संस्थान से स्वयं कराते हुए सत्यापन आख्या अविलंब जनपद कार्यालय में प्रस्तुत करें*”
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने इसका कड़ा विरोध किया है।
जूनियर स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने कहा कि यह जिम्मेदारी विभाग व नियुक्ति अधिकारी की है ना कि शिक्षकों की ।हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही इस पड़ताल में शिक्षा विभाग को प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना था मगर बीते दिन गुपचुप तरीके से नया फरमान जारी हो गया कि शिक्षक खुद हाईस्कूल इंटर स्नातक टीईटी बीएड आदि के प्रमाण पत्र संबंधित बोर्ड विश्वविद्यालय से सत्यापित करवा कर लाएंगे। इस आदेश से बेसिक जूनियर शिक्षकों में आक्रोश फैल गया संघ के अध्यक्ष विनोद थापा तथा महामंत्री राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा ने भी इस पर कड़ा एतराज जताया उन्होंने चेताया कि यदि जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट की शरण भी ली जाएगी।इससे स्पष्ट होता है कि विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहता है तथा अपनी जिम्मेदारी शिक्षकों के ऊपर डालना चाहता हूं। ऐसा कहीं नहीं होता कि प्रमाण पत्र भी स्वयं के और जांच भी स्वयं के द्वारा की जाए। हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में यह कहीं नहीं लिखा कि शिक्षक स्वयं अपने प्रमाण पत्रों की जांच कराये। संगठन की ओर से इस आशय का विरोध पत्र आज निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा को दिया गया।