एक दिन की वेतन कटौती का आयुष विभाग में भी विरोध शुरू

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राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला* द्वारा उत्तराखंड सरकार द्वारा इस तरह से प्रतिमाह एक दिन की वेतन कटौती को अनुचित एवं आयुष चिकित्सकों के मनोबल को हतोत्साहित करने वाला बताया है। बेहतर होता कि इसके उलट सरकार वेतन कटौती करने के बजाय आयुष चिकित्सकों को प्रोत्साहन भत्ता देकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम करती। हालांकि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री जी द्वारा​ एलोपैथिक चिकित्सकों को इस सम्बन्ध में सकारात्मक आश्वासन देकर उनके कार्य बहिष्कार करने के निर्णय वापस करवा दिया गया है, लेकिन इस सम्बन्ध में अभी तक आयुष चिकित्सकों को ऐसा कोई भी सकारात्मक आश्वासन नहीं दिया गया है, जिससे कि आयुष चिकित्सकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जबकि प्रदेश के कोविड सर्विलांस ड्यूटी, कोरंन्टाइन सेंटर्स ड्यूटी तथा सैम्पल कलेक्शन सेंटर्स में 95% आयुष फ्रन्टलाइन कोरोना वारियर्स ही अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं। इधर आयुष चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित डीएसीपी की मांग भी अभी तक सरकार ने पूरी नहीं कर पायी है। इस तरह से आयुष प्रदेश में सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों की उपेक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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इस सम्बन्ध में संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ० के० एस० नपलच्याल द्वारा दिनांक 05-09-2020 को आयुष मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत, आयुष सचिव एवं निदेशक, आयुर्वेदिक​ को भी एक पत्र प्रेषित किया गया है।