उत्तराखंड ही नहीं देश में भी सत्ता तक पहुंचने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जिन मुद्दों को भूनाया और सफलता हासिल की…उन्हीं मसलों पर अब भाजपा कुछ सहमी सी दिख रही है.. बीजेपी की पिच पर कांग्रेस न केवल बैटिंग करने उतरी है बल्कि फिलहाल उत्तराखंड में तो शानदार प्रदर्शन भी कर रही है.. जानिए कौन सी है वह पिच जिस पर भारतीय जनता पार्टी अब तक खेलती रही है और कांग्रेस में जिसे उत्तराखंड में कैप्चर करने की रणनीति तैयार कर ली है। देखिए रिपोर्ट
भाजपा के मंचों पर राष्ट्रवाद शब्द कोई नया नहीं है, पार्टी के नेताओं की जुबान पर भी यह शब्द दोहराया जाता रहा है, इसी तरह हिंदुत्व भारतीय जनता पार्टी की मुख्य धारा या लाइन माना जाता है जबकि किसानों को रिझाने की कोशिश भी भाजपा की मुख्य रणनीति में शामिल रहा है। लेकिन अब यह तीनों ही मुद्दे हाईजैक होते हुए दिखाई दे रहे हैं। दरअसल भाजपा से इन तीनों ही विषयों पर अब तक मात खाने वाली कांग्रेस ने अब इन्हीं विषयों पर खुलकर मैदान में उतरने की सोच ली है। यानी उत्तराखंड भाजपा की ही पिच पर भाजपा को ही मात देने की रणनीति तैयार की जा रही है। हाल ही में राहुल गांधी के देहरादून कार्यक्रम के दौरान सजाए गए मंच से इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस मामले पर हरीश रावत कहते हैं कि भाजपा के नेता गंगा स्नान करते हैं तो वह भक्ति है और कोई दूसरा करें तो वह पाखंड है जबकि हकीकत यह है कि देश में सबसे ज्यादा पाखंडी भारतीय जनता पार्टी के नेता है। हिंदुत्व के मसले पर भाजपा हमेशा ही कांग्रेस को पटकनी देती रही है और यही कारण है कि 2014 के बाद 2019 और उत्तराखंड में 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत लाकर इतिहास रचा है। शायद कांग्रेसी भी इस बात को समझ गए हैं और इसीलिए राहुल गांधी से लेकर तमाम कांग्रेस के बड़े नेताओं का मंदिर जाना इनदिनों बढ़ से गया है। उधर उत्तराखंड में भी कांग्रेस ने हिंदुत्व के भाजपा के मुद्दे को छीनने की शुरुआत की है। राहुल गांधी के देहरादून कार्यक्रम के मंच पर तीर्थ पुरोहितों का मंत्र उच्चारण करना और तीर्थ पुरोहितों को इस तरह मंच पर जगा देना प्रदेश के साथ-साथ देश भर में भी एक बड़ा संदेश देने की कोशिश है।भाजपा की पिच पर राष्ट्रवाद का खेल भी कॉन्ग्रेस अपने स्टाइल में खेलना चाहती है और इसीलिए उत्तराखंड में जिस तरह राहुल गांधी ने 1971 युद्ध में शामिल हुए पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया उससे कांग्रेस ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भी भाजपा के इस हथियार को हाईजैक करने की कोशिश की है। यही नहीं राहुल गांधी के कार्यक्रम में दिवंगत जनरल बिपिन रावत के कट आउट और उनको श्रद्धांजलि देने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत करना भी प्रदेश में बड़े संदेश देने के रूप में देखा गया है।
भारतीय जनता पार्टी किसानों के मामले पर भी खुद को बेहद गंभीर दिखाती रही है मोदी सरकार ने तो किसानों के खाते में ₹2000 ट्रांसफर कर सालाना ₹6000 की रकम देने का काम भी कर चुकी है। लेकिन कृषि कानून के मामले में इस मुद्दे पर भी भारतीय जनता पार्टी बैकफुट पर है और अब कांग्रेस ने इस मुद्दे को भी हाथों हाथ लेते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा करने में कामयाबी हासिल की है।
प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव 2022 यूं तो प्रदेश के विभिन्न मुद्दों जिसमें भ्रष्टाचार बेरोजगारी और महंगाई जैसे विषय शामिल है इस पर फोकस होंगे लेकिन भाजपा की ताकत माने जाने वाले भगवान जवान और किसान इन तीनों ही मुद्दों पर भी कांग्रेस ने अपने कुछ खास रणनीति के साथ कदम बढ़ाया है। हालांकि इस मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व और विचार इतने सशक्त है कि आज कांग्रेस को अपना जनेऊ दिखाना पड़ रहा है कांग्रेस के नेताओं को बताना पड़ रहा है कि वह कौन है और अपने नाम के आगे भी कई बातें लोगों को बतानी पड़ रही है। मदन कौशिक कहते हैं कि यह भारत जनता पार्टी के नेतृत्व की जीत ही है कि आज कांग्रेस इस तरह खुद को बदलने की कोशिश कर रही है। जहां 2022 चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अलग-अलग मुद्दे पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं तो वहीं भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे की पिच पर ही बैटिंग करते दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनाव में सही मायने में जनता किन मुद्दों के आधार पर वोट करती है।।