राज्य सरकार ने हरिद्वार में कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही वहां पर आने वाले लोगों के स्वास्थ्य को लेकर भी करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत किया लेकिन स्वास्थ्य विभाग के काबिल अधिकारियों ने इस बजट को सही दिशा में लगाने के बजाए इसे भी ठिकाने लगाने के लिए पूरी जुगत भिड़ाई।। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लगभग 9 करोड़ की लागत से खरीदे जाने वाली एम आर आई मशीन का क्रय आदेश तो जारी कर दिया लेकिन कुंभ समाप्त होने तक भी वह मशीन धरातल पर नहीं लगी….. राज्य सरकार ने कुंभ में आने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत किया था जिससे आस्था की डुपकी लगाने आने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके , लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उस बजट का सदुपयोग करने के बजाय उसको ठिकाने लगाने में ज्यादा मुस्तैद दिखाई ।। जी हां यह हम नहीं कह रहे यह खुलासा आरटीआई में हुआ है, मेला अधिकारी स्वास्थ्य की ओर से 13 फरवरी 2021 को 8 करोड़ 92 में लाख की लागत से लगने वाली एम आर आई मशीन का परचेज ऑर्डर मुंबई महाराष्ट्र की कंपनी को दिया गया था लेकिन संबंधित कंपनी के द्वारा आज तक इस मशीन को हरिद्वार मेला अस्पताल में स्थापित नहीं किया गया है ।। अधिकारियों के द्वारा बकायदा कुंभ को लेकर एक आदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने साफ जिक्र किया था कि एम आर आई मशीन एक माह के भीतर सप्लाई करने वाली कंपनियां ही इसमें आवेदन करें ।। जबकि ऐसे आदेश के बाद भी मशीन का ना आना निजी स्वार्थ की ओर इशारा कर रहा है। साथ ही अधिकारियों के इस आदेश से ऐसा प्रतीत होता है कि एमआरआई खरीदारी में भी बड़ा गोलमाल हुआ है।। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुंभ मेले के समाप्त होने तक भी मशीन का ना लगना बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच करवानी चाहिए जिससे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।। कुंभ मेला समाप्त हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक एम आर आई मशीन स्थापित नहीं हुई है जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत खुद सिस्टम की लापरवाही को महसूस कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कुंभ समाप्त हो गया है यह प्रकरण उनके संज्ञान में आया है अब 15 दिन के भीतर एम आर आई मशीन को लगवा दिया जाएगा , इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि टेंडर को लेकर कहीं कोई लापरवाही बरती गई है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, वहीं पूरे मामले।की बेहतर जानकारी रखने वाली स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि मामले का परीक्षण करवाया जा रहा है जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।। गौरतलब है कि एम आर आई मशीन खरीदारी में परचेज ऑर्डर जारी करने के बाद कैबिनेट से मंजूरी ली गई।। दरअसल विदेशी कंपनी की मशीनों की खरीदारी पर राज्य सरकार ने केंद्र के आदेश के बाद रोक लगा दी थी जिसके राज्य शासन की ओर से बाद भारत सरकार से भी मशीन को खरीदे जाने के लिए पुनः परमिशन मांगी गई थी।। अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेले में तैनात अधिकारियों ने एक कम्पनी के लिए कितनी बार नियमो में शिथिलीकरण किया है।। स्वास्थ्य विभाग और लापरवाही का चोली दामन का साथ रहा है ऐसे में अधिकारियों के द्वारा कुंभ में की गई खरीदारी उन्हें एक बार फिर विवादों से जोड़ती दिखाई दे रही है पहले rt-pcr जांच घोटाला और एमआरआई खरीद में बरती गई लापरवाही एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रही है
