देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनज़र अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग का सख्त अभियान लगातार जारी है। इसी क्रम में आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग की विशेष प्रवर्तन टीम ने हिमाचल से उत्तराखंड लाई जा रही भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब और बीयर की खेप को पकड़ने में सफलता हासिल की है। यह पूरी कार्रवाई आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट के नेतृत्व में की गई, जो लगातार शराब माफियाओं पर नकेल कस रही हैं और जिनकी सख्ती से माफियाओं में दहशत का माहौल बन गया है।
आबकारी आयुक्त के निर्देश पर गठित इस विशेष प्रवर्तन दल की निगरानी संयुक्त आबकारी आयुक्त रमेश चौहान ने की। जनपदीय प्रवर्तन दल, देहरादून की प्रभारी प्रेरणा बिष्ट के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में विभाग के अन्य अधिकारी भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। टीम में सेक्टर-1 के आबकारी निरीक्षक शिव प्रसाद व्यास, सेक्टर-2 के विजेंद्र भंडारी, मसूरी के वीरेंद्र कुमार जोशी, चकराता की निरीक्षक रीना रौठाण सहित समस्त अधीनस्थ स्टाफ उपस्थित था।
सूचना के आधार पर टीम ने कोटि-कानासर क्षेत्र में एक पिकअप वाहन को रोका, जो हिमाचल प्रदेश की सीमा से उत्तराखंड में प्रवेश कर रहा था। जांच के दौरान वाहन से 60 पेटी अंग्रेजी शराब और बीयर बरामद की गई, जिन पर स्पष्ट रूप से “फॉर सेल इन हिमाचल प्रदेश ओनली” अंकित था। यह माल बिना किसी वैध परमिट के लाया जा रहा था, जो कि आगामी चुनावों को देखते हुए कानूनन एक गंभीर अपराध है।
मौके से दो तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ उत्तराखंड आबकारी अधिनियम की धारा 63 और 72 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही वाहन और शराब की सभी पेटियों को मौके पर ही जब्त कर लिया गया।
आबकारी विभाग की इस कार्रवाई को चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। विभाग ने साफ शब्दों में कहा है कि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए अवैध शराब की तस्करी, भंडारण और वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। भविष्य में भी ऐसे अभियानों को और तेज किया जाएगा।
आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट की सक्रियता और निर्भीक नेतृत्व को लेकर स्थानीय प्रशासन सहित आम जनता में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। उनकी त्वरित और प्रभावशाली कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तराखंड में अब अवैध गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं बचा है, विशेषकर चुनावी माहौल में।
यह कार्रवाई न केवल तस्करों के हौसले पस्त करने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राज्य सरकार और उसके विभाग चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को लेकर बेहद गंभीर और सतर्क हैं।
