महामारी के समय डॉक्टरो को याद आया आंदोलन

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डाक्टरों की लंबित मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सक एक से सात सितम्बर तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।इसके बाद भी मांगों पर कार्रवाई न होने पर आठ सितम्बर को सामूहिक त्यागपत्र देंगे।डा नरेश नपलच्याल ने कहा कि कोरोनाकाल में चिकित्सक न सिर्फ अपनी बल्कि परिवार की सुध भुलाकर पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।पर अन्य राज्यों में जहां उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जा रही है यहां हर माह उनका एक दिन का वेतन काटा जा रहा है।जिससे चिकित्सकों में रोष व्याप्त है।उन्होंने मांग की है कि वेतन कटौती का आदेश निरस्त कर सरकार चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि/जोखिम भत्ता दे।हालांकि सरकार के द्वारा डॉक्टरो की कई मांगों पर पहले भी सकारात्मक करवाई की है। ऐसे में चिकित्सकों महामारी के समय आंदोलन को किसी भी दशा में सही नही कहा जा सकता। वर्तमान हालातो को देखते हुए राज्य के चिकित्सकों बेहतर काम करने की जरूरत है जिससे राज्य की स्वास्थ सेवाओ को अलग पहचान मिल सके।

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