देहरादून, उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग पहले ही अपनी कार्यप्रणाली के चलते विपक्ष के निशाने पर हैं तो वहीं रही कहीं कसर विभाग के वित्त संबंधित अधिकारी पूरी कर रहे हैं तमाम योजनाएं वित्त की ऑब्जेक्शन के चलते अधर में लटकी हुई है।। आलम यह है कि वित्त के ऑब्जेक्शन के चलते तमाम टेंडर दो से तीन बार होने के बावजूद भी अंजाम तक नही पहुंच रहे है।। जिससे सरकारी योजनाओं की मट्टी पलीत होती दिखाई पड रही है।राज्य से लेकर केंद्र की तमाम योजनाओ की फाइलें एक टेबल से दूसरी टेबल पर धूल फांक ने को मजबूर है जिसका खामियाजा राज्य की आवाम को भुगतना पड़ रहा है सूत्रों की माने तो वित्त सेवा के दो अधिकारियों की कार्यशैली से संतुष्ट ना होने के चलते उन्हें मूल विभाग में ही भेज दिया गया था, ।। अब एक बार फिर पटरी से उतर चुकी स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मेदार विभाग के चंद अधिकारियों को माना जा रहा है जो फाइलों को इधर से उधर घुमा रहे है। माना जा रहा है कि लोगो स्वास्थ्य को देखते हुए उन पर भी सरकार का चाबुक चल सकता है।। मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक लगातार व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश अधिकारियों को देते रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की हीला हवाली सरकार के तमाम दावों और व्यवस्थाओं को पलीता लगाने का काम कर रही है।।