शासन स्तर पर फेरबदल को लेकर कुछ विभागों के मुलाजिमों को सरकार के हालिया फैसले से तगड़ा झटका लगा है। लंबे समय से ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की चर्चाएं चल रही थी जिसमें तबादला सूची जारी करने उम्मीद पर फिलहाल पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है। यात्रा के शुभारंभ के साथ ही सरकार ने तबादलों को लगभग टाल दिया है जिससे तमाम चर्चाओं और संभावनाओं पर विराम लग गया है। सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ हफ्तों से शासन स्तर पर तबादलों को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं। कुछ अधिकारी तो इतने आश्वस्त हो गए थे कि उन्होंने पूजा-पाठ, हवन और विशेष अनुष्ठान तक कराए ताकि शासन में ब्यूरोक्रेसी की रडार पर आए मुलाजिम बच सके। वहीं कुछ कर्मचारी और अफसर तो सरकार के भरोसे न रहकर जनप्रतिनिधियों तक पहुंच गए और शासन के अधिकारियों की शिकायतें और चुगलखोरी कर माहौल बनाने की कोशिश करते रहे। उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल के लिए हरसंभव प्रयास किए, लेकिन सरकार की प्राथमिकताएं कुछ और निकलीं।
वही सूत्र बताते है कि यात्रा के आरंभ होते ही राज्य सरकार मान रही है कि इस समय तबादले करने का उचित समय नहीं है। यात्रा के दौरान राज्य में लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन होता है, जिससे प्रशासनिक स्थायित्व और त्वरित निर्णय क्षमता की आवश्यकता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सभी प्रमुख तबादलों को फिलहाल टाल दिया है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस बात की जानकारी मिल गई थी कि कुछ विभाग के अधिकारी ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल कराने के लिए गुपचुप तरीके से नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं और अफसरशाही के खिलाफ माहौल बनाना चाह रहे हैं। इन गतिविधियों से शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। ऐसे में सरकार ने स्थिति को भांपते हुए न केवल तबादलों को टाल दिया, बल्कि सभी विभागों को स्पष्ट संदेश भी दे दिया कि किसी भी प्रकार की गुटबाजी या अफवाहों के आधार पर निर्णय नहीं लिए जाएंगे।
अब जबकि यात्रा शुरू हो चुकी है, प्रशासनिक महकमा पूरी तरह से इस बड़े धार्मिक और पर्यटन आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने में जुट गया है। ऐसे में तबादलों की संभावनाएं अगले कुछ महीनों के लिए पूरी तरह ठंडी पड़ गई हैं।
