झूठे शपथ पत्र देने वाली कंपनियों पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान… कार्रवाई करने के नाम कर दी खानापूर्ति.

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देहरादून, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग कब क्या गुल खिलाते इस बात का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि जिन पर कठोर कार्रवाई होनी थी उन्हें सिर्फ हिदायत देकर छोड़ दिया गया, जहां उत्तराखंड में दवा टेंडर माफिया लंबे समय से सक्रिय है जो सरकारी पैसे को जमकर लूटने का काम कर रहे हैं आलम यह है कि झूठे शपथ पत्र देने के बाद भी अधिकारियों ने उन्हें बचाने के लिए बीच का रास्ता तक निकाल लिया जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है इन माफियाओं की जड़ें कितनी मजबूत है आलम यह है कि दवा टेंडर के नाम पर झूठे शपथ पत्र देना इनके लिए सामान्य बात है और विभाग भी इस पर कोई कठोर कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ इन्हें टेंडर प्रक्रिया से बाहर करके ही अपनी दवा पॉलिसी के नियमों का पालन करा रहा है ,दरअसल राज्य में दवाओं के खरीदे जाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे जिसमें तमाम दवा कंपनियों के द्वारा झूठा शपथ पत्र दिए गए थे कि वह किसी भी राज्य में ब्लैक लिस्टेड नहीं है लेकिन तमाम राज्यों में दवा कंपनियां ब्लैक लिस्टेड रही जिन पर कार्रवाई होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही थी, अब स्वास्थ्य महानिदेशालय की केंद्रीय समिति ने भी बीच का रास्ता निकालते हुए दवा टेंडर माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें टेंडर से ही बाहर करके अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली।। हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि मामले पर सख्त डिसीजन लिया गया है।। जिससे भविष्य में ऐसी कंपनियां टेंडर में झूठे शपथ पत्र ना दे सकें।।