राज्य की आबकारी नीति के चलते क्रिसमस व नए साल का जश्न फीका पड़ता दिखाई दे रहा है। दरअसल राज्य में स्थाई बार व पब की संख्या काफी कम है व वन डे बार लाइसेंस की व्यवस्था पहले की समाप्त कर दी गई है जिसके चलते राज्य में क्रिसमस व नए साल के मौके का बाहर से आने वाले पर्यटकों को मायूसी ही हाथ लगेगी। नए साल के मोके पर सूरा के शौकीन बड़ी संख्या में उत्तराखंड की हसीन वादियों में क्रिसमस व नए साल के सेलिब्रेशन के लिए आते है लेकिन इस बार पर्यटकों के पास सेलिब्रेशन के लिए भी ऑपशन कम होंगे। हालांकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पहले ही क्रिसमस व नए साल के लिए पर्यटकों को उत्तराखंड आने की अपील कर चुके है। सूत्रों की माने तो अधिकारी भी अब पर्यटन दृष्टिकोण से वन डे बार लाइसेंस को लेकर विचार कर रहे है जिससे बाहर से आने वाले सूरा के शौकीन पर्यटकों को भी सेलिब्रेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑप्शन मिल सके