हरिद्वार टेस्टिंग मामले में सबसे बड़ा खुलासा… मेला समाप्त होने के बाद भी सरकारी पैसा लुटवाया गया, जिम्मेदार कौन ??

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कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े मामले पर सबसे बड़ा अपडेट… हरिद्वार कुंभ मेला 30 अप्रैल को समाप्त हो चुका था लेकिन उसके बावजूद भी बाद तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संबंधित कंपनियों से कोरोना टेस्टिंग कराते रहे ।। जबकि कंपनियों को महज मेला अवधी 30 अप्रैल तक के लिए अधिकृत किया गया था ।। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के उन जिम्मेवार अधिकारियों की लापरवाही भी साफ देखने को मिल रही है जिनके द्वारा इतनी बड़ी अनियमितता की गई है ।। सूत्रों के अनुसार विवादित कंपनियों के द्वारा 24 अप्रैल तक के बिल भुगतान के लिए स्वास्थ्य मेला अधिकारी कार्यलय को भेजे है ।। जबकि सीएमओ कार्यलय के अधिकारियों के द्वारा विवादित कंपनियों को उसके बाद भी काम दिया जाता रहा है ।। जिससे सरकारी धन की बंदरबांट भी जमकर हुई।। ऐसे में अब उन अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जाना तय माना जा रहा है जिनके द्वारा समय पूरा होने के बावजूद भी इन कंपनियों को काम दिया जाता रहा।।