कल रात हुई इन-हाउस पार्टी का मामला दबा, बड़े घरानों और राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने की चर्चा से गर्माया माहौल..

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राजधानी में देर रात आयोजित एक इन-हाउस पार्टी की चर्चा शहरभर में सुनाई दे रही हैं। सूत्रों के अनुसार, इस गुपचुप दावत में शहर के कई नामचीन चेहरे और राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं। बताया जा रहा है कि पार्टी में प्रतिबंधित नशे की सामग्री परोसी गई, जिसकी भनक लगते ही मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया। अचानक मिली सूचना ने पूरे सिस्टम को सक्रिय कर दिया और तत्काल कार्रवाई के लिए टीम को मौके पर भेजा गया।

जानकारी के मुताबिक, जैसे ही दबिश देने पहुंची टीम गेस्ट हाउस में दाखिल होने लगी तो वहां मौजूद मेहमान और आयोजकों में हड़कंप मच गया। सूत्र यह भी बताते हैं कि पार्टी को रोकने और छानबीन करने आई टीम से हाथापाई तक की स्थिति बन गई। इस टकराव ने हालात को और भी तनावपूर्ण कर दिया। बताया जाता है कि स्थानीय स्तर पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने हस्तक्षेप कर स्थिति को संभालने की कोशिश की। उनके मध्यस्थता करने के बाद दबिश देने आई टीम को वापस लौटना पड़ा और मामला यहीं ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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चर्चा है कि इस पूरे घटनाक्रम में कई ऐसे चेहरे शामिल थे, जिनका सीधा संबंध बड़े घरानों और राजनीतिक गलियारों से है। यही वजह रही कि मामले को सार्वजनिक होने से पहले ही दबा दिया गया। यदि यह मामला खुलकर सामने आता तो प्रदेश की राजनीति और प्रशासन दोनों पर गहरे सवाल उठते।

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यह गेस्ट हाउस अक्सर वीवीआईपी कार्यक्रमों और निजी पार्टियों के लिए इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन इस बार की पार्टी में जिस तरह प्रतिबंधित चीजों के इस्तेमाल की चर्चा सामने आई है, उसने पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की पार्टियों का आयोजन कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार मामला अधिकारियों तक पहुंच जाने के बाद भी कार्रवाई न होना चिंताजनक है।
सूत्र मानते हैं कि दबिश के दौरान टीम पर बने दबाव और हाथापाई की नौबत तक पहुंचना इस बात का संकेत है कि पार्टी में शामिल लोग बेहद प्रभावशाली थे। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर किन कारणों से मामले को दबाया गया और किसके दबाव में टीम को लौटना पड़ा।

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फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन शहरभर में चर्चा यही है कि अगर कल रात सच सामने आता तो कई बड़े चेहरे बेनकाब हो जाते और राजनीति का स्तर प्रदेश में नया मोड़ ले सकता था।