रेमडिसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी को लेकर अब मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद ड्रग विभाग भी खाता गंभीर दिखाई दे रहा है आज देहरादून समेत कई जनपदों में ड्रग विभाग की टीम के द्वारा रेमडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की शिकायतों को लेकर छापेमारी अभियान चलाया गया।। जहां कई तरीके की शिकायतें उनके सामने आई।। कई लोगों ने शिकायत भी की कि अस्पतालों के द्वारा पहले उनसे इंजेक्शन मंगाए जा रहे हैं और उसके बाद अस्पताल से ही वह इंजेक्शन दूसरे को दिए जा रहे हैं ऐसे में ड्रग विभाग ने बकायदा इस पर निर्देश जारी करते हुए बताया कि जिन भी मरीजों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं उनको आधार कार्ड से लिंक करना होगा इसके साथ ही इंजेक्शन जिन मरीजों को लगाया गया है उसकी खाली वॉइल भी मरीजों के तीमारदार को देनी होगी ।। इसको लेकर ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने सभी ड्रग इस्पेक्टर को निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों को पर्याप्त मात्रा में रेमेडिसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं लेकिन उसके बावजूद भी तीमारदारों से बाहर से इंजेक्शन मंगवाये जा रहे है जो सही नहीं है उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके रेट निर्धारित किए हैं यदि कोई भी व्यक्ति इसकी कालाबाजारी करते हुए पाया जाता है तो उसके सख्त कार्रवाई की जाएगी।।
हालाकिं इसके कोई ठोस प्रमाण अभी नहीं मिला है पर प्रथम दृष्टया ऐसी ही कुछ मामले सामने आए है कुछ शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने इंजेक्शन दवा की दुकान से नहीं बल्कि किसी व्यक्ति से लिए हैं कहा जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदार जैसे तैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल को लाकर देते हैं। पर आइसीयू में भर्ती मरीज को इंजेक्शन लगा या नहीं इसका कुछ अता पता नहीं।न इसका कोई रिकार्ड रहता है।