हटाई गई कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव,नियम कानून भूल गए सत्याल

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उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में वर्चस्व की लड़ाई अब साफ दिखाई देने लगी है. अब इस आपसी जंग में जिम्मेदार पदाधिकारी अपने अधिकार और जिम्मेदारी को भी भूल गए है. ऐसा ही मामला कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की तरफ से सामने आया है. सत्याल ने न केवल अपने अधिकारों से आगे जाकर नियमविरुद्ध आदेश जारी किए।। बल्कि पद की मर्यादा को भी तार-तार कर करने का काम किया है.।। उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यालय में बीते रोज हंगामा बरपा रहा था जानकारी के अनुसार बोर्ड के कार्यालय से हटाए गए 4 कर्मियों ने बोर्ड की सचिव के साथ दुर्व्यवहार किया. बल्कि अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के आदेश वाले पत्र को सीधे सचिव को सौंप दिया.।। दरअसल इस पत्र में अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की तरफ से सचिव मधु नेगी को हटाने के आदेश किये थे।। इसके बाद सचिव कर्मकार कल्याण बोर्ड ने हंगामा करते कर्मियों के लिए पुलिस को कार्यालय में बुला लिया।। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही कर्मचारी कार्यालय से चले गए थे।।. इसके बाद सचिव मधु नेगी ने कर्मचारियों के दुर्व्यवहार को लेकर पुलिस में तहरीर भी दी।। यह कर्मचारी अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के करीबी बताए जा रहे हैं।। उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव को हटाने के लिए शासन का अनुमोदन जरूरी है. सचिव मधु नेगी को मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर यह पद दिया गया है।। ऐसे में इन्हें हटाने के लिए भी प्रक्रिया के तहत ही शासन से आदेश जारी होना चाहिए थे।। लेकिन इन नियमों को आपसी लड़ाई के कारण दरकिनार करते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ने सीधे सचिव मधु नेगी को हटाने से जुड़ा आदेश जारी कर दिया।। अध्यक्ष के पास सचिव को हटाने का अधिकार नहीं है ऐसे में इस मामले में श्रम सचिव हरबंश चुघ ने बताया कि सचिव मधु नेगी को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद यह तैनाती दी गई है।। ऐसे में उन्हें हटाने के लिए शासन का अनुमोदन लिया जाना जरूरी है।। साफ है कि बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह के पास सचिव को हटाने का कोई अधिकार नहीं है।। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने इन नियमों को दरकिनार किया।।