देहरादून।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन 2025 (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड शासन के पंचायतीराज विभाग द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण निर्धारण की अनंतिम सूची जारी कर दी गई है। यह आरक्षण सूची राज्य में प्रथम बार लागू की जा रही ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में तय की गई है।
जारी शासनादेश संख्या 822/XII(1)/2025 के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 10 मई 2022 (रिट पिटिशन 278/2022 – सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश राज्य) के तहत राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वैज्ञानिक ढंग से आरक्षण तय करने हेतु गठित एकल सदस्यीय आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर यह सूची तैयार की गई है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण इस प्रकार तय किया गया है:
क्र.सं. जनपद आरक्षण की स्थिति
1 अल्मोड़ा महिला
2 बागेश्वर महिला (अनुसूचित जाति)
3 चम्पावत अनारक्षित
4 चमोली अनारक्षित
5 देहरादून महिला
6 नैनीताल अनारक्षित
7 पौड़ी गढ़वाल महिला
8 पिथौरागढ़ अनुसूचित जाति
9 रुद्रप्रयाग महिला
10 टिहरी गढ़वाल महिला
11 ऊधमसिंह नगर पिछड़ा वर्ग
12 उत्तरकाशी अनारक्षित
इस अनंतिम आरक्षण प्रस्ताव के विरुद्ध यदि किसी हितधारक को आपत्ति हो, तो वह लिखित रूप में पंचायतीराज विभाग, उत्तराखंड शासन, देहरादून (कक्ष संख्या-19, सचिवालय) में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। शासन ने स्पष्ट किया है कि आपत्तियों के निस्तारण हेतु मौखिक सुनवाई आवश्यक नहीं होगी, जब तक अलग से ऐसा निर्देश न हो।
यह आरक्षण निर्धारण उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 एवं उससे संबंधित नियमावली 2025 के प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है। शासन स्तर पर अब इस आरक्षण प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की तैयारी है, जिससे पंचायत चुनावों की अधिसूचना शीघ्र जारी की जा सके।
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह सूची चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन जिलों में जहां पहली बार आरक्षण के आधार पर नए चेहरे सामने आ सकते हैं।
