कोरोना की मारो मार हालत में यदि प्राइवेट अस्पताल संचालकों द्वारा किसी ऊंची पहुँच रखने वाले को अस्पताल में जगह ना होने पर भी बेड के लिए मना कर दिया तो वह कार्रवाई के लिए तैयार हो जाये। जी हां कोरोना की इस आपदा की घड़ी में डॉक्टर तन मन से अस्पतालों में लोगो की मदद कर रहे है लेकिन चंद ऊंची पहुँच रखने वालों को यह भी रास नही आ रहा है। राज्य के सभी प्राइवेट व सरकारी अस्पताल मरीजो से भरे हुए है,इसके बावजूद भी खुद को वीआईपी मानने वाले लोग उन अस्पतालों के खिलाफ मोर्चा खोल कर कार्रवाई कराने की जी तोड़ मेहनत भी कर रहे है। हालांकि राज्य के जागरूक अधिकारी भी हालातो को समझ कर इस तरहां के हालातों को भली भांती समझ रहे है। हालांकि उन चंद तथाकथित ऊंची पहुँच रखने वालों को भी अस्पतालों के हालातों को समझने की जरूरत है जिससे सरकारी व प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर बिना किसी दबाव के लोगो को बेहतर उपचार दें सके।