ऊर्जा विभाग में आईएएस अधिकारियों के रखे जाने का अब अंदर खाने विरोध भी होने लगा है दरअसल इसके पीछे चहेतों को लाभ पहुंचाना भी बड़ी वजह बताया जा रहा है। यूपीसीएल एमडी के पद पर अभी तक दीपक रावत ने ज्वाइन नही किया है अब इस पद पर पिटकुल में विवादो में रहे अधिकारी को लाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश के तीनों ऊर्जा निगमों यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल में अब प्रबंध निदेशक की कुर्सी पर आईएएस अफसर तैनात नहीं किए जाएंगे। इसकी कवायद शुरू हो गई है। सरकार जल्द ही इस पर फैसला ले सकती है। दरअसल, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल), पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) में लंबे समय से आईएएस अधिकारी ही एमडी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में पहली बार ऊर्जा मंत्री बनने के बाद डॉ. हरक सिंह रावत ने इस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि एक तो आईएएस अधिकारी बिजली विभाग की बारीकियों को करीब से नहीं समझ सकते। वहीं कांग्रेस ने भी अधिकारियों के अभी तक विभागों में ज्वाइन ना करने के मामले में सरकार को घेरते हुए कहा है कि ऊर्जा विभाग में एडजेस्टमेंट गेम जोरों से हो रहा है जिसके चलते आईएएस अधिकारियों को विभाग में नही रखा जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता मथूरा दत्त जोशी ने कहा कि पिटकुल के विवादित अधिकारी को यूपीसीएल के एमडी की जिम्मेदारी देने की तैयारी हो रही है जिससे साफ हो जाता है कि ऊर्जा विभाग किस दिशा में विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी यूपीसीएल में ऐसे विवादित अधिकारी रखे गए थे और अब एक बार फिर वही स्थिति बनी हुई है। ऊर्जा विभाग में अभी तक आईएएस अधिकारी के ज्वाइन ना करने के बाद अब विभाग में किसी चहेते को एडजेस्ट करते हुए यह जिम्मेदारी देने की तैयारी हो रही हैं ।। ऐसे में अब इस मामले पर राजनीति भी होने लगी है कि आखिरकार ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग से आईएएस अधिकारी दूरी क्यों बना रहे हैं