देहरादून, राज्य के कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को अपने दादा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की अचानक याद आ गई ।।जी हां उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि उनके दादा ने उत्तरप्रदेश का मुख्य मंत्री रहते हुए अलग से पर्वतीय विकास मंत्रालय बनाया था जिससे पर्वतीय इलाकों के विकास को गति मिल सके।। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारी उत्तराखंड में एक समान योजनाएं बनाने का काम करते हैं चाहे वह मैदानी जनपद हो या फिर पहाड़ी ।। लेकिन अधिकारी यह नहीं सोचते कि पहाड़ी जनपदों की भौगोलिक परिस्थितियां कुछ और व मैदानी जनपदों की परिस्थितियां कुछ और होती है।। ऐसे में पहाड और मैदान के लिए अलग अलग योजनाएं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को योजना बनाने से पहले धरातल की हकीकत को भी जानना होगा जिससे योजनाएं बेहतर रूप में चल सके उन्होंने कहा कि मैदान और पहाड़ की भौगोलिक परिस्थितियां अलग अलग है।। लिहाजा कई योजनाएं मैदानों में बेहतर तरीके से संचालित हो पाती है जबकि पहाड़ों पर वे योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाती हैं जिसका खामियाजा लोगों को और सरकारी सिस्टम को भी भुगतनी पड़ती हैं ऐसे में अधिकारियों को योजना बनाने से पहले पर्वतीय और मैदानी इलाकों की योजनाओं पर ठोस रोडमैप तैयार करना होगा जिससे योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंच सके ।।