हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरिद्वार पुलिस ने ‘ऑपरेशन कालनेमी’ शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य है उन फर्जी साधु-संतों की पहचान करना और उन पर सख्त कार्रवाई करना जो धर्म की आड़ में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस अभियान की कमान स्वयं एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने संभाली है। देहात और शहर क्षेत्र में अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं जो सीधे कप्तान को रिपोर्ट कर रही हैं।
अब तक की कार्रवाई में देहात क्षेत्र की टीम ने कलियर इलाके से 6 फर्जी साधुओं को पकड़ा है, जबकि शहर क्षेत्र की टीम ने तीन थाना क्षेत्रों – कोतवाली नगर, श्यामपुर और कनखल – में छापेमारी कर 39 ढोंगी बाबाओं को हिरासत में लिया है। इन सभी के खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
एसएसपी डोबाल का कहना है कि “ऑपरेशन कालनेमी” एक शुरुआत है। हरिद्वार की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ऐसे सभी ढोंगी बेनकाब नहीं हो जाते। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध साधु की पहचान होते ही तत्काल कार्रवाई की जाए।
इसी बीच मीडिया की पड़ताल में और भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कांवड़ मेले में शनिदेव मंदिर के पास बैठे कुछ बाबाओं की जब पड़ताल की गई, तो तीन विदेशी नागरिकों के साधु के वेश में बैठे होने की बात सामने आई। एक कथित साधु के पास न तो आधार कार्ड था, न ही कोई वैध पहचान पत्र। बस एक पुरानी कुंभ मेले की पर्ची थी, जो खुद ही संदिग्ध साबित हुई।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या “ऑपरेशन कालनेमी” हर फर्जी साधु का पर्दाफाश कर पाएगा? फिलहाल, पुलिस की कार्रवाई सख्ती से जारी है।
