नई दिल्ली । राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात कर उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर यात्रा के व्यापक संचालन का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि लिपुलेख, पिथौरागढ़ से सहज और सुगम यात्रा का विकल्प तैयार हो सकता है। ऐसा होने पर यह यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी व पर्यटन की लाइफ लाइन बन सकती है।
लगभग ग्यारह सौ श्रद्धालु ही इस यात्रा की अनुमति प्राप्त कर पाते हैं
बलूनी ने विदेश मंत्री से कहा कि प्रतिवर्ष लाखों लोग यह पवित्र यात्रा विभिन्न मार्गों से करते हैं, लेकिन उत्तराखंड के मार्ग से सीमित संख्या में लगभग ग्यारह सौ श्रद्धालु ही इस यात्रा की अनुमति प्राप्त कर पाते हैं। अगर इस मार्ग (लिपुलेख, पिथौरागढ़) से निर्बाध यात्रा प्रारंभ होती है तो यह उत्तराखंड के पर्यटन और आर्थिकी के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
ऑल वेदर रोड विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक सहज और सुगम यात्रा का विकल्प
उन्होंने कहा कि पंतनगर और पिथौरागढ़ हवाई अड्डों का विस्तार किया जा सकता है। जबकि पंतनगर से लिपुलेख तक ऑल वेदर रोड बनाकर हम विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक सहज और सुगम कैलाश मानसरोवर यात्रा का विकल्प उपलब्ध करा सकते हैं।
शीघ्र ही केंद्रीय उड्डयन मंत्री और केंद्रीय राजमार्ग मंत्री से भी भेंट करेंगे
बलूनी ने कहा कि वह शीघ्र ही केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी और केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भी भेंट करेंगे। इस संबंध में वह कुछ होमवर्क पहले ही कर चुके हैं। उनकी कोशिश है कि जल्द तीनों मंत्रालयों के समन्वय से उत्तराखंड की तरफ से कैलाश मानसरोवर की यात्रा का व्यापक संचालन हो सके।
क्या है कैलाश मानसरोवर यात्रा
कुमाऊं के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा 1981 में शुरू हुई। प्रतिवर्ष जून में कैलाश यात्रा और भारत-चीन व्यापार साथ-साथ शुरू होते हैं। यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी केएमवीएन के पास है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में आईटीबीपी यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहती है। प्रतिवर्ष 18 दलों में होने वाली यात्रा में करीब एक हजार यात्री कैलाश की परिक्रमा करते हैं।