देहरादून। राजधानी में आवासीय नक्शा पास कराने के बाद बिल्डर फ्लोर बनाकर बेचने के बढ़ते चलन पर अब मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) सख्त रुख अपनाने जा रहा है। लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे में बिल्डर आवासीय नक्शे की आड़ में बहुमंजिला बिल्डर फ्लोर खड़े कर देते हैं और फिर इन्हें भारी कीमतों पर बेचकर मोटा मुनाफा अर्जित करते हैं। छोटी, संकरी सड़कों और कम चौड़ाई वाले प्लॉटों पर नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए इन फ्लोरों के कारण स्थानीय निवासियों को न केवल सुविधा की कमी झेलनी पड़ती है, बल्कि भविष्य में सड़क जाम, जल निकासी और सुरक्षा संबंधी खतरे भी बढ़ जाते हैं।
MDDA के उपाध्यक्ष बंसीधर तिवारी ने स्पष्ट किया कि अब ऐसी अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह नकेल कसी जाएगी। प्राधिकरण ने ऐसे कई बिल्डरों को चिन्हित किया है जो आवासीय नक्शा पास कराने के बाद वाणिज्यिक पैटर्न पर फ्लोर बनाकर बेच रहे थे। तिवारी ने बताया कि बार-बार प्रस्तुत किए जाने वाले समान प्रकृति के नक्शों की अब विशेष जांच की जा रही है। यदि किसी नक्शे में नियमों के विपरीत निर्माण की मंशा दिखाई देती है, तो उसे तुरंत निरस्त किया जाएगा। साथ ही, जिन बिल्डरों ने पूर्व में ऐसा अवैध निर्माण किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत ब्लैकलिस्टेड करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
प्राधिकरण ने कई क्षेत्रों में निरीक्षण कर ऐसे भवनों की पहचान की है, जहां नियमों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से फ्लोर तैयार किए गए। कई मामलों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। MDDA का कहना है कि अवैध बिल्डर फ्लोर न केवल शहरी नियोजन को प्रभावित करते हैं, बल्कि नागरिकों के साथ आर्थिक धोखाधड़ी भी करते हैं। एक साधारण आवासीय नक्शे की आड़ में जब बहुमंजिला फ्लोर तैयार होते हैं, तो खरीदार बाद में कानूनी विवादों और प्राधिकरण की कार्यवाही के बीच फंसकर नुकसान उठाते हैं।
बंसीधर तिवारी ने स्पष्ट किया कि प्राधिकरण अब बिल्डरों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। बार-बार धोखा देने वाले बिल्डरों को ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा ताकि भविष्य में वे किसी भी प्रकार का नक्शा प्राधिकरण से स्वीकृत न करा सकें। साथ ही शहर में अवैध रूप से निर्मित बिल्डर फ्लोरों की सूची तैयार की जा रही है, जिन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चरणबद्ध रूप से अमल में लाई जाएगी।
स्थानीय लोगों ने MDDA के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से बिल्डरों के हौसले बुलंद थे। अब प्राधिकरण की सख्ती से शहर में अनियोजित निर्माण पर रोक लगेगी और आम नागरिकों को राहत मिलेगी। प्राधिकरण का यह अभियान आने वाले दिनों में और कड़ा होने वाला है, जिससे शहर में अवैध निर्माण का नेटवर्क टूटने की उम्मीद है।


