देहरादून: देश में भले ही समलैंगिकता को वैधता मिल चुकी हो और LGBTQ+ समुदाय को कानूनी रूप से अधिकार प्राप्त हो चुके हों, लेकिन सामाजिक स्वीकार्यता और समान अवसरों की लड़ाई अभी भी जारी है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज इसी मुद्दे को लेकर जागरूकता रैली निकाली गई जिसमें एक युवती ने आवाज बुलंद की है। नौकरीपेशा यह युवती न केवल अपनी पहचान के साथ गर्व से जी रही है, बल्कि अब वह इस बात की वकालत कर रही है कि समलैंगिक लोगों को भी बच्चा गोद लेने का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए।
युवती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया हो, लेकिन कई ज़रूरी मुद्दों पर सरकार और व्यवस्था अब भी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने बताया कि वे एक आत्मनिर्भर महिला हैं, नियमित रूप से नौकरी करती हैं और अपनी कमाई से संपत्ति बना रही हैं। लेकिन जब बात उनके वारिस की आती है तो उनके पास विकल्प सीमित हैं, क्योंकि वर्तमान कानून उन्हें बच्चा गोद लेने की अनुमति नहीं देता।
“मैं चाहती हूं कि मेरी मेहनत और सपनों की विरासत किसी को मिले। मैं एक बच्चे को बेहतर जीवन देना चाहती हूं, लेकिन मेरी लैंगिक पहचान के चलते मुझे इसका हक नहीं दिया जा रहा। यह कैसी समानता है?” – उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा।
युवती का कहना है कि सरकार ने LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों को लेकर कुछ सकारात्मक कदम ज़रूर उठाए हैं, लेकिन ये काफी नहीं हैं। जब तक उन्हें एक सामान्य नागरिक की तरह हर अधिकार नहीं मिलेगा, तब तक यह लड़ाई अधूरी है। विशेष रूप से बच्चा गोद लेने जैसे संवेदनशील और मानवीय मुद्दे पर कानून में स्पष्टता और समानता की ज़रूरत है।
गौरतलब है कि भारत में दत्तक ग्रहण और अभिभावकता अधिनियम (Adoption and Guardianship Act) के तहत केवल विवाहित विषमलैंगिक जोड़ों या अकेले माता-पिता को ही बच्चा गोद लेने का अधिकार है। समलैंगिक जोड़ों या व्यक्तियों के लिए इसमें स्पष्ट प्रावधान नहीं हैं, जिससे उन्हें कानूनी रूप से बच्चा गोद लेने में कठिनाई होती है।
समलैंगिक समुदाय की यह मांग न केवल कानूनी अधिकारों की बात करती है, बल्कि यह समाज में समानता, संवेदनशीलता और समावेशिता की ज़रूरत को भी उजागर करती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस दिशा में कब और क्या कदम उठाती है। समाज में बदलाव की बयार चल चुकी है, और अब ज़रूरत है कि नीति-निर्माता भी इस परिवर्तन को कानून का रूप दें।
