एक तरफ सरकार युवा बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र बांट रही है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य का स्वास्थ्य महकमा सरकार की छवि को पलीता लगाने का काम कर रहा है उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में आम और खास का विशेष ध्यान रखा जाता है इस बात की तस्दीक समय समाप्त होने के बाद चार नर्सिंग अधिकारियों को तैनाती स्थान पर संशोधन के साथ कराने से हो गई है ।।।दरअसल पिछले दिनों नर्सिंग अधिकारियों की चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें एक निर्धारित समय दिया गया था जिन जगहों पर उनकी ज्वॉइन के आदेश किए गए वह उक्त स्थान पर ज्वाइन तय समय सीमा में कर लें लेकिन कई लोग ज्वाइन करने से छूट गए।। अब जिनके द्वारा ज्वाइन नहीं किया गया अब वह विभाग से लेकर सरकार के चक्कर भी काट रहे हैं लेकिन मजाल है कि जो लोग नियुक्ति मिल पाती।। अब उन्हीं में से चार लोगों पर सिस्ट इतना मेहरबान हुआ कि नियुक्ति के आदेश सीधे शासन से करा दिए गए।। इतना ही नहीं चारो मुलाजिमों के लिए नियुक्ति का रास्ता खोलने के साथ साथ तैनाती स्थल में भी संशोधन किया गया है । लेकिन वो तमाम लोग जिनके द्वारा उस दौरान ज्वाइन नहीं किया गया लेकिन अब वह ज्वाइन करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं नियम सरकार के द्वारा सबके लिए एक बराबर बनाए जाते हैं लेकिन उत्तराखंड में यह नियम आम और खास के लिए लगता है अलग-अलग बनाए गए हैं जिसका खामियाजा आज तमाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।। जिन्हे सरकार के द्वारा नियुक्ति दी गई वह वाह वाही कर रहे हैं।। वही तमाम अभियार्थियों के द्वारा स्वास्थ्य महानिदेशालय में नर्सिंग अधिकारी की नियुक्ति से वंचित रह गए मुलाजियों के द्वारा अपना पक्ष रखा गया लेकिन महानिदेशालय में तैनाद अधिकारी उनकी सुनने के बजाय उन्हें अलग ही ज्ञान बांटते हुए दिखाई दिए यदि अधिकारी सही दिशा दिखाई तो शायद तमाम अन्य अभ्यर्थियों के लिए भी नियुक्ति का रास्ता साफ हो पता।। हालाँकि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से इस मामले पर जानकारी के लिए फ़ोन किया गया तो उनके द्वारा फ़ोन ही नहीं उठाया गया।।