पिछले 6 माह से कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले दून मेडिकल कॉलेज के स्टाफ का अब मनोबल गिराने का भी काम हो रहा है जी हां आए दिन वायरल हो रही वीडियो से जहां दिन रात काम करने वाले चिकित्सकों का स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल टूट रहा है वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में मामूली सी खामियां भी सोशल मीडिया पर जमकर अस्पताल प्रशासन की फजीहत करा रही हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद राज्य में सबसे पहले दून अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने का आदेश दिए गए थे। जिसके बाद से ही तमाम स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं लोगों की मदद करते करते तमाम स्वास्थ्य कर्मी कोरोनावायरस चपेट में भी आए जिसके चलते तमाम स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सक अपने घरों तक नहीं गए ऐसे में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल गिरा ना किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता दून के प्राचार्य ने बताया कि इस तरीके के वीडियो बनाने से व उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने से दिन रात मेहनत करने वाले स्टाफ का मनोबल भी गिरता है ऐसे में अस्पताल में उपचार कराने आए लोगों को अस्पताल के स्टाफ की भी समस्या को समझना चाहिए । जिससे वो अन्य मरीजों को भी बेहतर उपचार दे सकें । हालांकि अब प्राचार्य के निर्देश के बाद अस्पताल प्रांगण में जगह-जगह वीडियोग्राफी ना करने के नोटिस भी चस्पा किए हैं उन्होंने कहा कि वीडियोग्राफी करने से मरीज की पर्सनल आईडेंटिटी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो कानूनन ही नहीं है