चहेतों को लाभ पहुंचाने में स्वास्थ्य महानिदेशालय का गजब हाल, फर्जी मेल आईडी के जरिए करोड़ों का खेल….

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देहरादून, उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशालय में उपकरणों की खरीद के नाम पर चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, करोड़ों रुपये के उपकरणों की खरीद में टेंडर दस्तावेज़ों में फर्जी मेल आईडी का उपयोग किया गया, जिससे टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।

विभागीय क्रय नीति के अनुसार, कंपनियों से आपत्तियां मेल के माध्यम से मंगाई जाती हैं। हालांकि, टेंडर डॉक्युमेंट में पाया गया कि इन मेल आईडी का अस्तित्व ही नहीं था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पूरी प्रक्रिया में धांधली की गई। शिकायत के बावजूद, महानिदेशालय के अधिकारियों ने प्रक्रिया को सही करने के बजाय टेंडर खोल दिया और अब इसे पसंदीदा ठेकेदार को देने की तैयारी की जा रही है। यदि मेल आईडी सही होती कई अन्य कमानियों के द्वारा भी टेंडर में प्रतिभाग किया जा सकता था लेकिन महानिदेशालय के द्वारा ऐसा होने नहीं दिया गया। जहां सरकार जीरो टॉलरेंस का नारा दे रही तो वहीं स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारी इस पर पलीता लगा रहे है।

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विशेष रूप से, लेप्रोस्कोपी सिस्टम की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। टेंडर प्रक्रिया में फर्जी मेल आईडी का उपयोग कर, अधिकारियों ने मनचाही कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। शिकायत के बाद भी, अधिकारियों ने प्रक्रिया में सुधार करने के बजाय, टेंडर को खोलकर अपने चहेते ठेकेदार को देने की योजना बनाई।

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यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग में इस प्रकार की अनियमितताएं सामने आई हैं। पहले भी इस प्रकार के मामले सामने आ चुके है ऐसी घटनाओं से स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य महानिदेशालय में उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हैं, जो पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े करती हैं। यदि मामले की जांच हुई तो महानिदेशालय की परत खुलना तय है।।