यूं तो सरकार अधिकारियों को धरातल पर स्थिति को देखते हुए योजना बनाने के आदेश जारी करती है।। अधिकारी रात्रि प्रवास भी करें जमीन पर रह कर व्यवस्थाओं को भांप सके और नई-नई योजनाएं बनाएं,लेकिन जो अधिकारी मुख्य सचिव की बैठक में 100 कम की दूरी पर जाने के वाहन लेकर पहुंच रहे हो वह जमीनों की हकीकत को क्या वाकई समझ पाएंगे ? यह सवाल उठना लाजमी है ।।सुबह शाम वॉक करने वाले अधिकारी शासन के भीतर होने वाली मुख्य सचिव की बैठक में वाहनों से आना जाना ज्यादा मुनासिब समझते है।। एक तरफ सरकार हर प्रकार की फिजूल खर्ची से बचने की नसीहत देती है शासन के अधिकारी इसको लेकर समय-समय पर आदेश जारी करते हैं लेकिन यह आदेश खुद पर लागू होते हैं या नहीं यह आदेश जारी करने वाले अधिकारी भी सही मायने में नही बता सकते।। दरअसल आज मुख्य सचिव कार्यालय में भू कानून को लेकर एक बैठक आहूत की गई जिसमें तमाम अधिकारी वाहनों से पहुंचे। अब भला जो अधिकारी 100 कदम की दूरी भी पैदल ना तय कर पा रहे हो वो भला कठिन पहाड़ों की तरफ पैदल कैसे पहुंचते होंगे।।