राज्य में कोरोना को लेकर एंटीजन टेस्ट कराए जा रहे हैं जिससे सरकार के करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं लेकिन रिजल्ट के नाम पर वही ढाक के तीन पात दिखाई दे रहा है कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लोगों को फिर से आरटीपीसीआर टेस्ट कराना पड़ रहा है जिससे एक तरफ टेस्ट का खर्चा बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ कर्मचारी को भी दुगना काम करना पड़ रहा है जहां सरकार के पास इस समय स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित करने में मैन पावर की कमी हो रही है वहीं दूसरी तरफ सरकार पर वित्तीय भार भी बढ़ता चला जा रहा है जानकारों की माने तो एंटीजन में पॉजिटिव आने के बाद संबंधित व्यक्ति का आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ रही है वही नेगेटिव आने पर आरटी पीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठना भी लाजमी है जब किसी व्यक्ति को दोनों टेस्ट कराने पढ़ रहे हैं सरकार को एंटीजन टेस्ट को लेकर विचार करने की जरूरत है
