धर्मनगरी ऋषिकेश को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, चार तस्कर गिरफ्तार…

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ऋषिकेश: उत्तराखंड सरकार द्वारा धर्मनगरी ऋषिकेश को पूर्ण रूप से नशा मुक्त क्षेत्र घोषित करने के बाद आबकारी विभाग ने इस दिशा में कड़ा रुख अपनाते हुए एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट के नेतृत्व में लगातार हो रही छापेमारी इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही है कि अब शराब तस्करों व माफियाओं के दिन लद चुके हैं। विभाग की ताजा कार्रवाई में बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद की गई है, साथ ही चार तस्करों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आबकारी टीम ऋषिकेश एवं जनपदीय प्रवर्तन दल देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से मद्य निषेध क्षेत्र ऋषिकेश में स्थित बस अड्डा और बनखंडी क्षेत्र में दबिश दी गई। इस छापेमारी के दौरान कुल 7 पेटी अवैध शराब बरामद की गई, जिसमें 130 पव्वे अंग्रेजी शराब व 210 पव्वे देसी शराब शामिल हैं। यह कार्रवाई नशे के विरुद्ध चल रही मुहिम में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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कार्रवाई के दौरान विभाग ने मौके से कुल 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जिनके विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 60 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। यह प्रकरण न केवल क्षेत्र में शराब तस्करी की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में काम कर रहा है।

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इस कार्रवाई में मुख्य भूमिका निभाने वाली आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट विगत कुछ समय से ऋषिकेश क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ मुहिम चला रही हैं और उनकी अगुवाई में अब तक कई सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस प्रकार की कार्रवाइयों में और तेजी लाई जाएगी।

टीम में आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट के साथ उप आबकारी निरीक्षक उमराव सिंह, पान सिंह राणा, हेड कांस्टेबल अर्जुन सिंह, आशीष प्रकाश, दीपा, हेमंत, गोविंद, अंकित कुमार, आशीष और चौहान जैसे अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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सरकार द्वारा धार्मिक नगरी को नशे से मुक्त करने के संकल्प को साकार करने की दिशा में यह कार्रवाई मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह भी उल्लेखनीय है कि पहले ऋषिकेश क्षेत्र शराब तस्करी और माफियाओं की गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रहता था, लेकिन अब सरकार और विभाग की सख्ती के चलते हालात बदलते नजर आ रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने भी इस कार्रवाई की सराहना की है और अपेक्षा जताई है कि भविष्य में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई होती रहे ताकि ऋषिकेश वास्तव में नशा मुक्त और शांतिपूर्ण धार्मिक क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बनाए रख सके।