आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट का चला चाबुक, फर्जी सैन्य लेबल लगाकर महंगे दामों पर शराब बेचने वाले नेटवर्क का किया भंडाफोड़, एक गिरफ्तार

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देहरादून में आबकारी विभाग ने अवैध शराब के एक संगठित और शातिर नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो असली शराब की बोतलों पर फर्जी सैन्य लेबल लगाकर उसे “सरकारी सप्लाई” बताए जाने वाले माल के रूप में बेचता था। यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और शादी-पार्टियों में महंगे दाम पर शराब की सप्लाई करता था। विभाग अब इस सिंडिकेट की गहराई से जांच कर रहा है ताकि पूरे गिरोह का खुलासा हो सके।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, देर रात आबकारी विभाग की टीम ने कवाली रोड पर चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान संदेह होने पर एक वाहन की तलाशी ली गई, जिसमें से 10 पेटी शराब बरामद हुईं। इनमें खास बात यह थी कि सभी बोतलों पर “फॉर सेल इन डिफेंस ओनली” और आर्मी सप्लाई के नकली लेबल चिपकाए गए थे। लेबल की गुणवत्ता और छपाई देखकर तुरंत स्पष्ट हो गया कि यह पूरी तरह फर्जी दस्तावेजों और टैग्स का खेल है।

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इसी सुराग को आधार बनाते हुए विभाग की टीम ने सुबह अधोईवाला क्षेत्र में दबिश दी। यहां एक मकान में गुप्त रूप से शराब का बड़ा स्टॉक छिपाकर रखा गया था। तलाशी में 13 और पेटियाँ बरामद हुईं, जिन पर वही नकली सैन्य लेबल लगे हुए थे। इस तरह, कुल 23 पेटी शराब जब्त की गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह शराब असली थी, लेकिन उसे गैरकानूनी तरीके से सरकारी सप्लाई दिखाने के लिए फर्जी टैग चिपकाए गए थे।

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प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त प्रेरणा बिष्ट ने बताया कि यह नेटवर्क यूपी-मेरठ और आसपास के इलाकों से बाजार भाव पर शराब खरीदता था और देहरादून में फर्जी सैन्य लेबल लगाकर उसे प्रीमियम रेट पर बेचता था। शादी-पार्टियों में ऐसे फर्जी “डिफेंस सप्लाई” माल की काफी मांग होती है, जिसका फायदा उठाकर यह गिरोह भारी मुनाफा कमाता था।

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कार्रवाई के दौरान मौके से वकील अहमद नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसके अन्य साथी फरार हो गए। विभाग का मानना है कि यह सिंडिकेट काफी समय से सक्रिय था और इसके तार प्रदेश के बाहर तक जुड़े हो सकते हैं। टीम अब आरोपित से पूछताछ कर नेटवर्क के सप्लायर, प्रिंटर और वित्तीय लेनदेन की जानकारी जुटा रही है।

आबकारी विभाग ने कहा है कि आगे और भी बड़े खुलासे संभव हैं तथा प्रदेश में अवैध शराब कारोबार करने वालों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा।