देहरादून। प्रदेश में बढ़ती अवैध शराब की घटनाओं और ओवररेटिंग जैसी समस्याओं के बीच आबकारी विभाग ने जिम्मेदार शराब सेवन को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल की है। विभाग की ओर से देहरादून में एक विशेष क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य लोगों को रिस्पांसिबल ड्रिंकिंग यानी जिम्मेदारी से शराब सेवन करने के लिए प्रेरित करना था। खेल के माध्यम से जागरूकता का यह प्रयास लोगों का ध्यान आकर्षित करता दिखाई दिया। इस टूर्नामेंट में कुल चार टीमें मैदान में उतरीं—आबकारी विभाग की टीम, FL-2 टीम, शराब व्यापारियों की टीम और एक संयुक्त टीम। मैच का माहौल बेहद उत्साहपूर्ण रहा, जिसमें खिलाड़ियों के साथ-साथ दर्शकों ने भी जागरूकता के संदेश को सराहा। टूर्नामेंट का उद्घाटन आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह पहल केवल खेल का आयोजन नहीं, बल्कि समाज को एक सकारात्मक संदेश देने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का एक्साइज विभाग राज्य के राजस्व में अहम योगदान देता है, लेकिन उसके साथ ही जनता के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक हितों की जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी है।
आयुक्त अनुराधा पाल ने बताया कि विभाग का लक्ष्य सबसे पहले FL-2 और शराब विक्रेताओं को जागरूक करना है, ताकि वे ग्राहकों तक जिम्मेदार संदेश पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि विक्रेता सही दिशा में कदम बढ़ाएँगे तो समाज में शराब के दुरुपयोग को काफी हद तक रोका जा सकता है। हाल के दिनों में अवैध शराब से हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन हादसों से स्पष्ट है कि जागरूकता फैलाना समय की बड़ी जरूरत है। रिस्पांसिबल ड्रिंकिंग का प्रचार ऐसे ही हादसों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों ने “ड्रिंक रिस्पॉन्सिबली”, “सेफ ड्रिंकिंग, सेफ सोसाइटी” जैसे संदेश वाली जर्सी पहनकर खेला, जो दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा। लोगों ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि विभाग द्वारा खेल के माध्यम से जागरूकता फैलाने का तरीका न सिर्फ प्रभावी है, बल्कि युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव भी डालता है। आबकारी विभाग की यह पहल समाज में शराब के प्रति जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। टूर्नामेंट ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि यदि शराब सेवन जरूरी है तो वह केवल जिम्मेदारी और संयम के साथ ही होना चाहिए। खेल और जागरूकता का यह मेल आने वाले समय में एक मिसाल बन सकता है।


