सत्र समाप्ति के बाद भी गैरसैंण में डटे रहे सीएम, सहज और आत्मीय संवाद स्थानीय लोगों के बीच बना चर्चा का विषय…

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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के गैरसैंण (भराड़ीसैंण) सत्र के समापन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गैरसैंण प्रेम साफ तौर पर झलकता दिखाई दिया। सत्र की औपचारिकताओं के बाद भी वे भराड़ीसैंण में ही रुके और अगले दिन प्रातःकाल भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों से आत्मीय संवाद किया।

मुख्यमंत्री धामी गुरुवार की सुबह भराड़ीसैंण बाजार पहुंचे, जहां उन्होंने चंद्र सिंह नेगी के प्रतिष्ठान पर आमजन के साथ बैठकर चाय की चुस्कियां लीं। इस दौरान उन्होंने आसपास मौजूद लोगों का कुशलक्षेम जाना और सीधे तौर पर जनता से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर फीडबैक लिया। स्थानीय लोगों ने भी अपनी समस्याओं और सुझावों को बेबाकी से मुख्यमंत्री के सामने रखा।

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सीएम धामी ने कहा कि गैरसैंण केवल उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भर नहीं है, बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और अपार संभावनाओं से भरपूर एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल भी है। उन्होंने कहा कि सरकार गैरसैंण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, पर्यटन और स्थानीय विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। साथ ही, यहां की पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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उन्होंने भरोसा दिलाया कि गैरसैंण के महत्व को किसी भी स्तर पर कम नहीं होने दिया जाएगा। “यहां की संस्कृति, परंपरा और नैसर्गिक सौंदर्य उत्तराखंड की असली धरोहर है। हम इसे नई पहचान और मजबूती देंगे,” मुख्यमंत्री ने कहा।

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मुख्यमंत्री का यह सहज और आत्मीय संवाद स्थानीय जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया। लोग इसे गैरसैंण को लेकर सरकार की गंभीरता और मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत जुड़ाव का प्रतीक मान रहे हैं।