देहरादून, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीषा पवार के वापस आते ही निधि उनियाल मामले का जिन भी बोतल से बाहर आ गया है अप्रैल 2022 में निधि उनियाल मामले की जांच यूं तो सरकार के द्वारा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीषा पवार को दी गई थी लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते जांच का आज तक पता ही नहीं चल पाया था अब उनकी सचिवालय में वापसी के बाद फिर से निधि उनियाल मामले की जांच सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी है कांग्रेस के नेता डॉ0 निधि उनियाल मामले की जांच को लेकर एक बार फिर मुखर होते हुए दिखाई दे रहे हैं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि निधि उनियाल मामले की जांच डॉक्टरों के सम्मान को लेकर सरकार के द्वारा दी गई थी लेकिन आज तक वह जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है जिससे स्वता ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार जिन जांच के आदेश दे रही है वह सही मायने में एक समय के बाद ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने कहा कि जांच जांच का खेल खेलने में सिस्टम पूरी तरीके से माहिर है लेकिन जांच आदेश देने वालों को भी इस पर नजर इनायत करनी होगी जिनके द्वारा यह जांच के आदेश दिए गए हो।। आपको बता दें कि तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव के घर पर उपचार के लिए गई डॉ निधि उनियाल के साथ अभद्रता के आरोप लगे थे जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया था और बाद में स्वयं डॉ निधि उनियाल ने नहीं सरकारी सेवा से इस्तीफा तक दे दिया था।।