अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में उस वक्त अफरातफरी का महौल बन गया, जब ऑक्सीजन बेड में सप्लाई के दौरान तकनीकी समस्या पैदा हो गई। आनन-फानन तकनीशियनों द्वारा जांच की गई तो पता चला की सप्लाई के दौरान प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो गई है। एक साथ 640 बेड में ऑक्सीजन की फुल सप्लाई के दौरान प्रेशर की समस्या उत्पन्न हुई। इसके बाद करीब 50 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। इस बीच अफवाह फैल गई की एम्स में ऑकसीजन खत्म हो गई है। जिससे भय का माहौल उत्पन्न हो गया। लेकिन एम्स प्रशासन की ओर से कुछ ही देर में स्पष्ट कर दिया गया कि संस्थान में ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं है। एम्स ऋषिकेश में आमतौर पर कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को लिया जाता है। इसके अलावा बिना लक्षण वाले या कम सीरियस मरीजों को कोविड सेंटर में शिफ्ट कर दिया जाता है। बुधवार दोपहर एम्स में ऑक्सीजन खत्म होने की खबर तेजी से फैल गई। अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के परिजनों के फोन घनघनाने लगे। यह सूचना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। इससे चारों तरफ अफरातफरी का महौल पैदा हो गया। लोग एक-दूसरे को फोन कर जानकारी जुटाने लगे। स्थितियां बिगड़ती देख एम्स प्रशासन ने आगे आकर स्थिति स्पष्ट की। संस्थान के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि संस्थान में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उनके पास 30 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन स्टोर है। बुधवार को ऑक्सीजन सप्लाई में कुछ तकनीकी दिक्कत आ गई थी। एक साथ 640 बेड पर सप्लाई होने से लाइन में प्रेशर कम हो गया। इससे कुछ गंभीर मरीजों को परेशानी होने लगी। लेकिन वक्त रहते इस समस्या का पता लगा लिया गया था। इसके बाद करीब 50 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। कुछ मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन के माध्यम से ऑक्सीजन दी गई। उन्होंने बताया कि अगले पांच से छह दिन में वाल्ब इत्यादि चेंज कर इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।