एनएचएम के अधिकारियों के दोहरे मापदंड इस बात को साफ दर्शा रहे हैं कि जहां दवाओं के बिलों को लेकर अधिकारी नियमों का पाठ पढ़ाते हुए छह छह माह तक कंपनियों का भुगतान करने में ही नियम और कानून दिखा रहे हैं ।।वही आशाओं के लिए क्रय किए गए मोबाइलों का भुगतान सीधा डिस्ट्रीब्यूटर को हो किया जा रहा है ।। इससे साफ होता है कि अधिकारी किस मंशा के साथ काम कर रहे हैं।। आलम यह है कि हजारों की संख्या में खरीदे गए मोबाइल का भुगतान अधिकारियों के द्वारा सीधे डिस्ट्रीब्यूटर को कर दिया जबकि इसी तरहां के दवाओं में इस मामले को लेकर एनएचएम के अधिकारियों का अलग हो रोल दिखाई दे रहा है। दरअसल राज्य की दवा क्रय नीति में भी उत्तराखंड के बीजक होने का जिक्र किया गया है लेकिन स्वास्थ्य के अधिकारियों के सामने कैबिनेट से पास पॉलसी का भी कोई महत्व नही है जिसके चलते अब दवा सप्लाई करने वाली फर्मो ने भविष्य में दवा सप्लाई करने से पूर्व विचार करने को कहा है ।। बीते रोज एक कंपनी संचालक द्वारा भी एनएचएम के अधिकारियों के साथ ही महानिदेशक के को अपने साथ अप्रिय घटना घटित होने पर जिम्मेदार बताते हुए पत्र लिखा है।