सुशीला तिवारी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला: मरीजों की जान से हो रहा खुला खिलवाड़, ICU के बाहर बंदरों का आतंक और बेड पर चीटियों का डेरा…

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी। कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) से एक बेहद चौंकाने वाली और चिंताजनक तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरे उत्तराखंड की स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल के ICU वार्ड के बाहर बंदरों का आतंक है, जबकि ICU के अंदर इलाज करा रहे मरीजों की हालत और भयावह स्थिति में नज़र आ रही है। यहाँ एक मरीज के बेड पर चींटियाँ घूमती हुई देखी गईं, जो न केवल स्वच्छता व्यवस्था की पोल खोलती है बल्कि मरीजों की सुरक्षा को लेकर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती हैं।

वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में साफ दिखाई देता है कि ICU वार्ड के बाहर दर्जनों बंदर घूम रहे हैं। मरीजों के परिजन और तिमारदार अस्पताल के अंदर जाने से डर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि जैसे ही वे अपने मरीज के पास जाते हैं, बंदर उन पर झपटने की कोशिश करते हैं। ICU जैसी संवेदनशील जगह पर इस तरह का माहौल इस बात का संकेत है कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था नाम मात्र की रह गई है।

यह भी पढ़ें -  तो..अब तंत्र मंत्र और ज्योतिष विद्या के भरोसे होगा सत्ता परिवर्तन.... अफवाओं से पड़ रहा विकास की गति पर असर...

वहीं ICU के अंदर की स्थिति भी बेहद दयनीय है। एक मरीज के बेड पर चीटियाँ चलती दिखीं। मरीज इलाज के दौरान बेबस हालत में लेटा रहा और चींटियाँ उसके शरीर तक पहुँच गईं, लेकिन अस्पताल कर्मियों की ओर से किसी तत्कालिक सफाई या रोकथाम की कार्रवाई नहीं की गई। यह नजारा देखकर तिमारदारों में रोष और भय दोनों देखने को मिला। उनका कहना है कि जब ICU जैसे संवेदनशील वार्ड में स्वच्छता और देखरेख का यह हाल है, तो अस्पताल के अन्य हिस्सों की स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें -  तो..अब तंत्र मंत्र और ज्योतिष विद्या के भरोसे होगा सत्ता परिवर्तन.... अफवाओं से पड़ रहा विकास की गति पर असर...

तिमारदारों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन बार-बार शिकायतों के बावजूद स्थिति को सुधारने में विफल रहा है। न तो बंदरों को रोकने की कोई प्रभावी व्यवस्था है और न ही ICU के भीतर नियमित साफ-सफाई का ध्यान दिया जा रहा है। इससे अंदेशा बढ़ गया है कि मरीजों का इलाज तो दूर, उनकी सुरक्षा तक खतरे में पड़ गई है।

इस पूरे मामले पर डीएम नैनीताल ने संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रबंधन को सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने कहा कि अस्पताल में मानकों के अनुसार रख-रखाव होना चाहिए। मरीजों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अस्पताल परिसर में बंदरों को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी समाधान लागू करने और ICU सहित सभी वार्डों की स्वच्छता व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मरीजों को बिना किसी व्यवधान और भय के उपचार मिल सके।

यह भी पढ़ें -  तो..अब तंत्र मंत्र और ज्योतिष विद्या के भरोसे होगा सत्ता परिवर्तन.... अफवाओं से पड़ रहा विकास की गति पर असर...

सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊँ का सबसे बड़ा सरकारी चिकित्सा केंद्र है, जहाँ हजारों लोग रोजाना इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे अस्पताल में इस तरह की लापरवाही प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर मरीज जाएँ तो जाएँ कहाँ? और इस अव्यवस्था की जिम्मेदारी कौन लेगा? जनता और मरीजों के परिवार अब अस्पताल प्रशासन से त्वरित सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।