भारतीय जनता पार्टी के नेता जहां अनुशासन के बड़े-बड़े दावे करते है। वही कोटद्वार के नेताओ में छपास का अलग ही रोग दिखाई दे रहा है कोटद्वार के नेता पार्टी के अध्यक्ष व प्रधानमंत्री की फ़ोटो लगाना तो भूल ही गए वहीं श्याम प्रसाद मुखर्जी के नाम पर पखवाड़ा बना रहे इन नेताओं ने पोस्टर और होर्डिंग पर भी उनकी फ़ोटो लगाना तक मुनासिब नही समझा ।। ऐसे में कोटद्वार में लगे पोस्टर होर्डिंग पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगो के बीच मे चर्चाओं का विषय बने हुए है। पौड़ी के पूर्व जिला अध्यक्ष व प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व में कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते रहे है।।

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पखवाड़े के चलते राज्यभर में लग रहे रक्तदान शिविर में हिस्सा लेने पहुँच रहे है और कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर रहे है।। लेकिन स्थानीय नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए पार्टी की लाइन से अलग हट कर होर्डिंग्स पर पूर्व सीएम के साथ अपनी फोटो लगा कर चर्चा बटोर रहे है।हालांकि यह कार्यक्रम निजी बताया जा रहा है लेकिन सवाल उठता है कि जब कार्यक्रम निजी है तो इस पर कार्यकारणी सदस्य द्वारा अपने पद नाम होर्डिंग पर क्यों लिखवाया??? वहीं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खास कहे जाने वाले विनोद रावत भी कार्यक्रम के ऑर्गनाइजर की भूमिका में दिखाई दिए।। दअरसल मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मतभेद होने की खबरें आये दिन सुर्खियों में रहती है लेकिन विनोद रावत का पूर्व सीएम के कार्यक्रमो में लगे होर्डिंग में फ़ोटो भी खूब चर्चाओं में रहा।।
