उत्तराखंड में सरकारी नोकरी और विवादो का चोली दामन का साथ रहा है। अब नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति में फिर विवाद दिखाई दे रहा है।। उत्तराखंड में नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति के मामले में अब एक बार फिर महानिदेशालय ने बड़ा रुक इख्तियार किया है।। महानिदेशक के द्वारा जिलाधिकारी को पत्र लिखकर प्रमाण पत्र की जांच की पुष्टि किए जाने के संबंध में जानकारी मांगी गई है।। दरअसल नियुक्ति के दौरान तमाम प्रमाण पत्र विभाग के द्वारा मांगे गए थे जिनकी पूर्व में भी जांच कराई गई थी लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक तारा आर्य ने एक बार फिर नियुक्त हुए नर्सिंग अधिकारियों के प्रमाण पत्रों की जांच पुनः कराने के लिए जिलाधिकारियों पत्र भेजा है।। मम्मी की शिकायत संविदा एवं बेरोजगार नर्सिंग संघ के द्वारा 20 मई 2024 को शिकायत की गई थी जिसमे में सुरेंद्र यादव के स्थाई निवास समस्त दस्तावेज फर्जी है जिनकी गहनता से जांच किए जाने का अनुरोध किया गया था। इस पर जिलाधिकारी नैनीताल को पत्र भेजा गया है वहीं महासंघ के द्वारा आशीष भारद्वाज,और मनीष जगरिया के स्थाई निवास के समस्त दस्तावेजों पर भी सवाल खड़े किए गए है जिसके लिए जिलाधिकारी देहरादून को पत्र भेजा गया है।कुमारी मैरी सोनिया सिंह के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र भेज कर जानकारी मांगी गई है ।। वहीं मनीष कुमार सैनी के रजिस्ट्रेशन की जांच के लिए नर्सिंग काउंसिल को पत्र भेज कर जानकारी मांगी है।। 21 दिसंबर 2023 को 8 नर्सिंग अधिकारियों कि दस्तावेजों की जांच को लेकर कमेटी गठित की गई थी जिनमें फिरोज खान, सुरेंद्र कुमार यादव, मनीष जगरिया, मनीष कुमार सैनी, मान सिंह बड़ेरिया, जितेंद्र सिंह घुरेया, आशीष भारद्वाज, मैरी सोनिया सिंह के नाम शामिल है।।