पहला मामला —
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लो.नि.वि के अधिशासी अभियन्ता अनुपम सक्सैना को आदेशों की अवहेलना का दोषी पाये जाने पर निलम्बित करने के निर्देश दिये हैं। सक्सैना को प्रान्तीय खण्ड लो.नि.वि पौड़ी से विश्व बैंक खण्ड लो.नि.वि अस्कोट में तैनात किया था जिसका अनुपालन उनके द्वारा नहीं किया गया तथा बिना अवकाश स्वीकृत कराये कार्यालय से गैर हाजिर हैं। मुख्यमंत्री द्वारा प्रमुख अभियन्ता लो.नि.वि. की संस्तुति के आधार पर सक्सैना की स्वेच्छाचारी प्रवृत्ति शासकीय आदेशों का अनुपालन न करने बिना अवकाश गैर हाजिर रहने तथा अच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना पर निलम्बित करने के निर्देश दिये हैं।। दूसरा मामला —-
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित 81 चिकित्साधिकारियों की सेवा समाप्ति सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित इन चिकित्सकों की विभाग में अनुपस्थिति की तिथि से सेवा समाप्ति सम्बन्धी प्रस्ताव को सहमति हेतु लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है।
तीसरा मामला मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुछ दिन पूर्व हल्द्वानी में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से साईकिल सवार औषधीय संयोजक (कंपाउंडर) की झुलसने से हुई मौत के मामले में ऊर्जा विभाग की लापरवाही को काफी गंभीरता से लिया है। इसके लिये मुख्यमंत्री ने स्थानीय जे.ई. एवं ए.ई. को अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने पर निलम्बित किये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील मामलों में सम्बन्धित अभियन्ताओं को अपने क्षेत्र की विद्युत लाइनों के परीक्षण आदि के कार्य का सजगता के साथ किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसका ध्यान रखा जाए।
ज्ञातव्य है कि इस सम्बन्ध में ऊर्जा सचिव श्रीमती राधिका झा ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सीनियर स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद को जांच अधिकारी नामित कर उनसे रिपोर्ट मांगी थी।